उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

अरे...यशपाल आर्य और उनके बेटे को इन्होंने कह दिया 'भगोड़ा', पढ़िए पूरा मामला - Uttarakhand Politics News

क्या यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य चुनाव हारने के डर से भागते रहते हैं. बीजेपी अनुसूचित मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मोहन पाल तो ऐसा ही कह रहे हैं. पाल ने हाल ही में कांग्रेस ज्वाइन करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य को भगोड़ा बताया है. उनका कहना है कि ये दोनों पिता-पुत्र चुनाव में हार की डर से भागते रहते हैं.

Nainita
बीजेपी ने यशपाल आर्य और संजीव पर साधा निशाना

By

Published : Nov 13, 2021, 9:37 AM IST

Updated : Nov 13, 2021, 9:49 AM IST

नैनीताल: प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के एक दूसरे पर आरोप और प्रत्यारोपण का दौर शुरू हो गया है. वहीं भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मोहन पाल ने यशपाल आर्य और उनके बेटे संजीव आर्य की कांग्रेस में वापसी को लेकर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि यशपाल आर्य और संजीव निजी फायदे को लेकर लगातार पार्टी बदल रहे हैं.

भाजपा के अनुसूचित मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष मोहन पाल ने यशपाल आर्य और संजीव पर निशाना साधते हुए कहा कि दोनों ने अपने लोगों को फायदा पहुंचाया, साथ ही जनता त्रस्त रही. मोहन पाल ने संजीव आर्य और कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कांग्रेस में जब पिता और पुत्र को सम्मान नहीं मिल रहा था तो भाजपा ने दोनों को टिकट दिया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने जीतोड़ मेहनत कर दोनों को चुनाव में जिताया. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं समेत जनता के विश्वास को तोड़ा है, जिसका विधानसभा चुनाव में जनता करारा जवाब देगी.

यशपाल आर्य और संजीव आर्य

पढ़ें-पिथौरागढ़ में मॉर्निंग वॉक पर निकले CM धामी तो मिले दो नन्हें-मुन्ने, ये हुई बात

इस दौरान मोहन पाल ने कहा कि पार्टी व संगठन की ओर से घर चलो-गांव चलो अभियान शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि इस दौरान प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचकर पार्टी की नीति तथा योजनाओं के संबंध में जानकारी दी जाएगी. नैनीताल के निवर्तमान विधायक संजीव आर्य तथा मंत्री यशपाल आर्य के पार्टी छोड़ने पर उन्होंने कहा कि जनता खासी नाराज है. यदि उन्हें पार्टी में सम्मान नहीं मिला तो उन्हें पहले ही पार्टी छोड़ देनी चाहिए थी. वह पिछले चुनाव में निजी स्वार्थ के लिए भाजपा में आए, जहां उन्हें सम्मान दिया गया. लेकिन उन्होंने एक बार फिर अपने स्वार्थ के लिए ही पार्टी को छोड़ दी है.

पढ़ें-2022 का ब्लूप्रिंट: BJP 'घर-घर' तो कांग्रेस ने 'गांव-गांव' जाने का बनाया खाका, इस तरह करेंगे फतह

भाजपा में रहते हुए पीएम मोदी का नारा न खाऊंगा और न खाने दूंगा की नीति से नाखुश होकर पार्टी छोड़ गए, क्योंकि भाजपा में दोनों पिता -पुत्र को उनके मंसूबों में कामयाबी नहीं होने दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा संगठनात्मक तथा कार्यकर्ताओं व समर्थकों से ही देश में बड़ी पार्टी बनी है. एक बार फिर नैनीताल में भाजपा एकजुट होकर जीत दर्ज करेगी.

Last Updated : Nov 13, 2021, 9:49 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details