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वन अनुसंधान की अनूठी पहल, देवी वाटिका में लगाए देवियों के प्रिय औषधीय पौधे - नीम के पेड़

वन अनुसंधान केंद्र ने दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी और काली देवी के नाम पर वाटिका की स्थापना की है. साथ ही उनके प्रिय नीम, आंवला, केला और गुडहल के औषधीय पौधे लगाए हैं.

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देवी वाटिका

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Published : Aug 8, 2020, 10:14 PM IST

हल्द्वानीः वन अनुसंधान केंद्र ने हल्द्वानी में देश का पहला रामायण वाटिका की स्थापना कर पौधों को संरक्षित करने में उपलब्धि हासिल की है. इससे पहले भी वन अनुसंधान केंद्र जैव विविधता के क्षेत्र में अलग ही पहचान बना चुका है. इसी कड़ी में वन अनुसंधान केंद्र ने एक बार फिर देवी वाटिका का स्थापना किया है. वाटिका के माध्यम से हिंदू धर्म की प्रमुख चार देवियों के वास स्थल और उनके प्रिय फूल और पौधों के संरक्षण करने का काम किया है. अनुसंधान केंद्र ने प्रमुख देवियों में दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी और काली देवी के नाम पर वाटिका की स्थापना की है.

वन अनुसंधान केंद्र ने देवी वाटिका की स्थापना की.

वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट के मुताबिक, दुर्गा देवी को नीम का पौधा सबसे प्रिय है. जबकि, मां सरस्वती को आंवला का पौधा और मां लक्ष्मी का केला प्रिय है. वहीं, मां काली का प्रिय पौधा गुडहल है. हिंदू मान्यता के अनुसार इन्हीं पेड़ पौधों में इन देवियों का आवास माना जाता है. ऐसे में अनुसंधान केंद्र इन पौधों को देवी वाटिका के माध्यम से संरक्षित करने का काम कर रहा है.

आंवला का पेड़.

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मदन बिष्ट ने बताया कि इन पौधों का संरक्षण करने का मुख्य उद्देश्य हिंदू धर्म के 4 प्रमुख देवियों के वास स्थान और उनके प्रिय पौधों की जानकारी देना है. उन्होंने बताया कि नीम, आंवला, केला और गुडहल का पेड़ औषधीय गुणों से भरपूर है. इन पेड़-पौधों का पूजा-पाठ करने से जहां लोगों को अध्यात्म की शांति मिलती है तो वहीं, इसके सेवन से कई तरह की बीमारियों से छुटकारा भी मिलता है.

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