गांव के पास ही पिंजरे में कैद हुआ तेंदुआ. रानीखेत:अल्मोड़ा के रानीखेत के दैना गांव में आतंक का पर्याय बने तेंदुए को वन विभाग ने पिंजरे में कैद किया है. बताया जा रहा कि इसी तेंदुए ने बुजुर्ग को मौत के घाट उतारा था. जानकारी के मुताबिक, दैना गांव में आतंक का पर्याय बने इस तेंदुए को रविवार शाम वन विभाग ने पकड़ा है.
वन विभाग तेंदुए को पकड़कर अल्मोड़ा रेस्क्यू सेंटर ले गई है. ग्रामीणों के मुताबिक, तेंदुआ आसपास के कई गांवों के लिए मुसीबत बना हुआ था. वो अब तक कई मवेशियों को भी अपना निवाला बना चुका है. तेंदुआ के पकड़ में न आने से गांव में भय का माहौल बना हुआ था. लेकिन रविवार देर शाम वन विभाग की टीम ने तेंदुए का रेस्क्यू किया और उसे अल्मोड़ा ले गई.
बताया जा रहा है कि इस तेंदुए ने बीती 29 नवंबर को जंगल में मवेशी चरा रहे एक बुजुर्ग मोहन राम को मौत के घाट उतार दिया था. जब ग्रामीणों ने देखा तो बुजुर्ग के शरीर का आधा हिस्सा तेंदुआ खा चुका था. इस घटना के बाद से लोग तेंदुए को पकड़ने की मांग उठा रहे थे. वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए कई पिंजरे भी लगाए थे. तेंदुआ पकड़े जाने के बाद से ग्रामीणों को राहत है. हालांकि, ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कई और तेंदुआ है जिससे दहशत का माहौल बना हुआ है.
वहीं, अल्मोड़ा जिला के मरचूला क्षेत्र में बाघ की दहशत है. बीते दिनों बाघ ने एक महिला को अपना निवाला बना लिया था और उसके बाद बाघ उस क्षेत्र में सक्रिय है. वन विभाग के कर्मी गश्त कर बाघ की खोज में जुटे हुए हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से बाघ को जल्दी पकड़ने की मांग की है. वन विभाग पिंजरा लगाकर बाघ को पकड़ने के प्रयास में जुटा हुआ है.
ये भी पढ़ेंःइलेक्ट्रिफाइड डमी बाघों को इंसानों से रखेगी दूर, व्यवहार में भी आएगा बदलाव