हल्द्वानी:उत्तराखंड के तराई पश्चिम वृत में इस साल मानसून सीजन में व्यापक रूप से पौधरोपण किया गया है. जहां 2067 हेक्टेयर में करीब 22 लाख से अधिक मिश्रित प्रजातियों के पौधों को रोपित किया गया है. वन संरक्षक पश्चिमी वृत दीपचंद आर्य ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए अब वन्यजीवों के मनपसंद वनस्पतियों को इस तरह से लगाया गया कि वह जंगल से बाहर ना जाकर अपने भोजन का जंगल के अंदर ही लुप्त उठा सकें. इसके लिए विभिन्न फलदार वृक्षों का भी रोपण किया गया है.
मानव वन्यजीव संघर्ष रोकने रोकने के लिए वन विभाग ने कसी कमर, 22 लाख से अधिक फलदार वृक्ष किए रोपित - human wildlife conflict in Haldwani
Haldwani Tree Plantation Campaign मानव वन्यजीव संघर्ष को रोकने के लिए वन विभाग ने कमर कस ली है. वन्यजीवों को जंगल के अंदर ही पर्याप्त भोजन मिल सके, इसके लिए वन विभाग 22 लाख से अधिक मिश्रित प्रजातियों के फलदार वृक्षों का रोपित किया है. साथ ही पौधों के संरक्षण की दिशा में भी कदम उठाने को कहा है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Aug 29, 2023, 9:01 AM IST
|Updated : Aug 29, 2023, 10:46 AM IST
वन संरक्षक पश्चिमी वृत दीपचंद आर्य ने बताया कि इस वर्ष व्यापक रूप से अभियान चलाकर जंगलों में पौधरोपण का कार्य किया गया है जहां करीब 2067 हेक्टेयर में 22 लाख से अधिक पौधरोपण किया गया है. जिसमें मिश्रित प्रजाति के साथ सीरस,अमलतास,बेल, गुटेल,जामुन,बहेड़ा,हरण आंबला, बेर,खैर,शीशम,कंजी कंजू,अर्जुन, सेमल,तुन सहित विभिन्न प्रकार की मिश्रित बीजू प्लांटेशन किया गया है. उन्होंने कहा कि मानव वन्य जीव संघर्ष को रोकने के लिए अब वन्यजीवों के मनपसंद वनस्पतियों को इस तरह से लगाया गया कि वह जंगल से बाहर ना जाकर अपने भोजन का जंगल के अंदर ही लुप्त उठा सकें. इसके लिए विभिन्न फलदार वृक्षों का भी रोपण किया गया है.
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उन्होंने कहा कि इन पौधों को लगाने के साथ-साथ संरक्षण का भी काम किया किया जा रहा है. जिससे भविष्य में जंगलों को और हरा भरा किया जा सके. यही नहीं सभी वन रेंज के अधिकारियों को निर्देशित भी किया गया है कि वृक्षारोपण के लिए चिन्हित क्षेत्रों में 5 सालों तक लगातार पौधरोपण और उसकी सुरक्षा कर पौधों को संरक्षित कर उस क्षेत्र को जंगल के रूप में विकसित किया जाए. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जंगल को बचाने की जिम्मेदारी हम सभी की बनती है. जंगल क्षेत्र में बहुत से ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर पेड़ पौधों की संख्या कम है. जिसके चलते जंगली जानवर आबादी की ओर आ रहे हैं. जिससे मानव वन जीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसे में अधिक से अधिक जंगलों में पेड़ लगाने से मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर लगाम लगेगी.