हल्द्वानी: तराई की जंगलों में बाघों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है.ऐसे में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. बात हल्द्वानी के तराई पूर्वी वन विभाग की करें तो मानव वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से अति संवेदनशील है. तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगल में करीब 53 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई है. ऐसे में वन विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि कोई भी व्यक्ति अनावश्यक जंगल में प्रवेश न करें.
सावधान! बाघों का लगातार बढ़ रहा कुनबा,वन विभाग ने जारी किया अलर्ट, अब तक इतने लोगों को बना चुके निवाला - Tiger attack in Uttarakhand
Haldwani Terai Eastern Forest Department हल्द्वानी और उसके आसपास के इलाकों को तराई पूर्वी वन विभाग ने लोगों के लिए अलर्ट जारी किया हुआ है. ये अलर्ट बाघों की हमले के मद्देनजर जारी किया है. साथ ही तराई पूर्वी वन विभाग ने लोगों को अनावश्यक रूप जंगल और उसके आसपास ना घूमने की अपील की है. साथ ही ऐसा करने पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 27, 2023, 10:46 AM IST
|Updated : Oct 27, 2023, 12:22 PM IST
बाघों की बढ़ती जनसंख्या वाइल्डलाइफ की दृष्टि से बेहतर माना जा रहा है तो वहीं वन विभाग के लिए भी चुनौती भी है. बात मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना की करें तो पिछले डेढ़ सालों में तराई पूर्वी के जंगलों के बाघों ने नौ लोगों को अपना निवाला बनाया है.आंकड़ों की बात करें तो साल 2022-23 में बाघों ने 7 लोगों को अपना निवाला बनाया, जबकि तीन लोग घायल हुए. साल 2023 24 में अभी तक दो लोगों को बाघों ने अपना निवाला बनाया है, जबकि चार लोग घायल हुए हैं. 2 दिन पहले खटीमा रेंज जंगल में लकड़ी लेने गई महिला को बाघ ने अपना निवाला बना लिया. ऐसे में वन विभाग ने एडवाइजरी जारी की है. वन विभाग का कहना है कि जंगलों में लगातार बाघों के साथ-साथ अन्य वन्य जीवों की संख्या बढ़ रही है.
पढ़ें-उत्तराखंड के रामनगर में बाघ ने युवक को बनाया निवाला, दोस्तों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
ऐसे में अनावश्यक रूप से कोई भी व्यक्ति जंगल में प्रवेश न करें. जंगल के आसपास रहने वाले लोगों को जन जागरूकता के माध्यम से बताया जा रहा है कि जंगल में अनावश्यक प्रवेश न करें. आवश्यकता पड़ने पर समूह के साथ जंगल में प्रवेश करें. इसके अलावा वन विभाग की टीम को लगातार गश्त करने के निर्देश दिए गए हैं. बाघों के संवेदनशील क्षेत्र में कैमरा ट्रिप लगाने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि बाघों की मोमेंट की जानकारी मिल सके. इसके अलावा अपील की गई है कि जंगल क्षेत्र के आसपास में सुबह 7 बजे से शाम 5 के बाद कोई भी व्यक्ति आवागमन ना करें. प्रभागीय वनाधिकारी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति आवश्यक रूप से जंगल में प्रवेश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.लोगों को हिदायत दी गई है कि जंगल में वन्य जीवों की संख्या लगातार बढ़ रही है. ऐसे में जलौनी लकड़ी काटने या किसी अन्य काम के लिए जंगल में प्रवेश न करें.