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हल्द्वानी: लॉकडाउन से फूलों की खेती हुई बर्बाद, किसान लगा रहे सरकार से मदद की गुहार - हल्द्वानी में लॉकडाउन से फूलों की खेती हुई बर्बाद

हल्द्वानी के गौलापार में कई जगह किसान फूलों का उत्पादन करते हैं. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके फूलों की डिमांड बंद हो चुकी है. काश्तकारों के उगाए फूल खेतों में सूखने की कगार पर हैं

corona impact of flowers farming
फूलों की खेती पर लॉकडाउन की मार.

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Published : Apr 3, 2020, 3:05 PM IST

Updated : Apr 3, 2020, 6:32 PM IST

हल्द्वानी:देशभर में कोरोना को लेकर लॉकडाउन है. इसके चलते कई लोगों के कारोबार ठप पड़ गए हैं. लॉकडाउन का असर आम-आदमी के साथ-साथ खेती किसानी करने वाले काश्तकारों पर भी देखा जा रहा है. हल्द्वानी क्षेत्र में कई किसान गुलाब के फूलों का उत्पादन करते हैं. बाजार बंद होने के चलते काश्तकारों के फूल खेतों में सूखने की कगार पर हैं. ऐसे में किसानों ने गुलाब के फूल और पत्तियों को तोड़कर सुखाना शुरू कर दिया है. मकसद ये है कि सूखे हुए फूल और पत्तियों को लॉकडाउन के बाद अन्य बाजारों में बेच सकें. किसानों ने सरकार से मांग की है कि इस संकट की घड़ी में उनकी मदद की जाए.

लॉकडाउन से फूलों की खेती हुई बर्बाद.

बता दें कि हल्द्वानी के गौलापार का क्षेत्र कृषि उत्पादन के लिए भी जाना जाता है. यहां के कई किसान फूलों का उत्पादन भी करते हैं. लॉकडाउन के चलते किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कई क्षेत्रों में किसान फूल का उत्पादन कर अपनी आजीविका चलाते हैं, लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके फूलों की डिमांड बंद हो चुकी है. ऐसे में अब इन किसानों के सामने फूलों के सूख जाने का संकट है. अब परेशान किसान गुलाब के फूल खेतों में ही सुखा रहे हैं.

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किसानों का कहना है कि सबसे बड़ा संकट इस समय उनके ऊपर अपनी रोजी-रोटी का है. गुलाब फूल के काश्तकार दीपक मेहरा का कहना है कि उनके खेत से रोजाना 80 किलो गुलाबों के फूलों का उत्पादन होता है, जिसको वह हल्द्वानी सहित अन्य मंडियों में बेचा करते थे. लेकिन लॉकडाउन के चलते उनका फूल बाजारों में नहीं जा रहा है. मजबूरन अब फूल को तोड़ सुखाने का काम कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 3, 2020, 6:32 PM IST

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