नैनीताल: उत्तराखंड के प्रमुख मंदिरों का नियंत्रण सरकारी हाथ में देने वाले देवस्थानम एक्ट पर आज से नैनीताल हाईकोर्ट में फाइनल सुनवाई होगी. हाईकोर्ट में सरकार ने अपने जवाब में स्पष्ट रूप से कहा है कि उनका एक्ट एकदम सही है. यह किसी के अधिकारों को खत्म नहीं करता है. सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट से एक हफ्ते का समय प्रति शपथपत्र दाखिल करने के लिए मांगा था. इस एक्ट को बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
27 नवंबर 2019 को बना चारधाम देवस्थानम बोर्ड
गौरतलब है कि, उत्तराखंड कैबिनेट ने 27 नवंबर, 2019 को चारधाम श्राइन बोर्ड के गठन को मंजूरी दी थी. लेकिन चारों धामों के तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों ने इसका विरोध किया था. विपक्ष ने भी तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों का साथ दिया था. हालांकि इसके बाद भी अपने बहुमत के दम पर सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड विधेयक पास करा लिया था. राज्यपाल की अनुमति के बाद यह कानून बन गया था.
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गंगोत्री-यमुनोत्री मंदिर समिति और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस इस विधेयक को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई शुरू होते ही थम गई थी.