रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ क्षेत्र के कोर जोन से एक मादा बाघिन को राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार भेजा गया है. मादा बाघिन की उम्र 10 साल है. राजाजी नेशनल पार्क में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए पहले 5 बाघ भेजने का अनुरोध किया गया था. जिसके बाद पहले पार्क प्रशासन द्वारा दो मादा बाघिन को यहां से भेजा जा चुका है. वहीं, राजाजी नेशनल पार्क में आने वाले पर्यटकों को यह बाघिन अपनी और आकर्षित करेगी.
राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार भेजी गई एक और मादा बाघिन, पर्यटकों को करेगी आकर्षित
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ क्षेत्र के कोर जोन से राजाजी नेशनल पार्क हरिद्वार के लिए एक मादा बाघिन को भेजा गया है. इससे पहले भी दो मादा बाघिन को राजाजी नेशनल पार्क भेजा जा चुका है.
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक डॉ धीरज पांडे ने बताया कि कालागढ़ क्षेत्र के कोर जोन में विभागीय पशु चिकित्सकों की टीम ने एक मादा बाघिन को ट्रेंकुलाइज कर रेस्क्यू किया था. जिसके बाद उसका स्वास्थ्य परीक्षण करने के उपरांत बाघिन को राजाजी नेशनल पार्क भेजने की कार्रवाई की गई है. उन्होंने बताया कि पहले पार्क प्रशासन ने दो मादा बाघिन को यहां से भेजा था. वहीं आज तीसरी मादा बाघिन को भेजने की कार्रवाई की गई है.
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कॉर्बेट में बाघ की मौत भी हो चुकी है: बता दें कि इससे पहले कॉर्बेट नेशनल पार्क में घायल अवस्था में मिले बाघ की इलाज के दौरान मौत भी हो गई थी. बाघ के शरीर में कई गहरे घाव मिले थे. बताया जा रहा था कि आपसी संघर्ष में बाघ घायल हुआ था. दरअसल कार्बेट के झिरना रेंज और तराई पश्चिमी के फाटो रेंज में सफारी के दौरान पर्यटकों ने मालकुंड वाटर हॉल के पास एक घायल बाघ को देखा था. जिसके बाद कॉर्बेट पार्क प्रशासन ने अधिकारियों से अनुमति लेकर घायल बाघ को पकड़ने के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया था. झिरना रेंज के फाटो बीट में बाघ का रेस्क्यू किया गया था.
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