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मायूस फूलों की खेती से जुड़े काश्तकार, ये है वजह

दीपावली पर्व पर गेंदे के फूलों की मांग बढ़ जाती है. पर्व पर भगवान श्रीगणेश की पूजा में गेंदा फूल का विशेष महत्व माना गया है.

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गेंदे के फूल के काश्तकार मायूस.

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Published : Nov 12, 2020, 2:48 PM IST

हल्द्वानी:शहर के कई क्षेत्रों में गेंदे के फूलों की खेती बड़ी मात्रा में की जाती है. दीपावली में फूलों की खेती करने वाले काश्तकारों को भी काफी उम्मीदें होती हैं, लेकिन इस बार दीपावली लेट होने के चलते फूलों की खेती करने वाले काश्तकार मायूस हैं. इस बार समय से पहले फूल खिलने से खेतों में ही खराब हो रहे हैं. जिससे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं.

मायूस फूलों की खेती से जुड़े काश्तकार.


दीपावली पर्व पर पूजा के लिए फूलों की विशेष मांग रहती है. लोग फूलों की माला भी घरों में लगाते हैं. ऐसे में हर साल दीपावली के मौके पर फूलों की खेती करने वाले काश्तकारों में उत्साह देखा जाता है, लेकिन इस बार मायूसी देखी जा रही है. देवलचौड़ खाम में कई काश्तकार गेंदे के फूलों की खेती करते हैं. काश्तकार दीपावली के मौके पर फूल को तोड़ कर मंडियों में बेचते हैं, लेकिन काश्तकारों को मंडियों में फूल के दाम नहीं मिल पा रहे हैं.

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काश्तकारों की मानें तो मंडी में ₹30 किलो फूल की डिमांड की जा रही है. ऐसे में उनको काफी नुकसान हो रहा है. इस साल दीपावली लेट होने के चलते फूल खेतों में सूखने के कगार पर हैं. वहीं कुछ काश्तकारों को उम्मीद है कि धनतेरस और दीपावली पर उनके फूलों के दाम अच्छे मिलेंगे. धनतेरस और दीपावली के मौके पर गेंदे के फूल ₹80 से लेकर ₹100 प्रति किलो बिकने की उम्मीद काश्तकारों को है.

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