हल्द्वानीःकृषि विभाग और सरकार की लापरवाही का खामियाजा प्रदेश के उन किसानों को उठाना पड़ रहा है, जो जैविक खेती कर रहे हैं. जैविक खेती के लिए केंद्र सरकार लगातार किसानों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है. लेकिन उत्तराखंड में कृषि विभाग जैविक प्रदेश बनाने के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने में जुटा है. यहां किसानों को जैविक खेती के लिए सनई और ढैंचा का बीज सब्सिडी में नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसानों को मजबूरन ऊंचे दाम में सनई और ढैंचा के बीज खरीदना पड़ रहा है.
प्रदेश में हुए बहुचर्चित ढैंचा बीज घोटाले के बाद कृषि विभाग ने किसानों को सनई और ढैंचा पर सब्सिडी देना बंद कर दिया है. जबकि, केंद्र सरकार की ओर से जैविक खेती के लिए सभी प्रदेशों को सनई और ढैंचा बीज पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है. कई प्रदेशों में किसानों को सनई और ढैंचा बीच पर 80 से 90% तक सब्सिडी दी जाती है. जिससे किसान अपने खेत में बीज लगाकर हरी घास तैयार कर सके. जिसके बाद उस घास के माध्यम से खेतों में जैविक खाद तैयार कर खेती कर सके.
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