ETV Bharat Uttarakhand

उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

किसानों को बीज खरीदने पर नहीं मिल रही सब्सिडी, कैसे बनेगा जैविक प्रदेश - उत्तराखंड कृषि विभाग

बहुचर्चित ढैंचा बीज घोटाले के बाद कृषि विभाग ने किसानों को सनई और ढैंचा पर सब्सिडी देना बंद कर दिया है. अब किसानों को जैविक खेती के लिए सनई और ढैंचा का बीज सब्सिडी में नहीं मिल पा रहा है. किसानों को इनका बीज बाजार में ₹50 से लेकर ₹70 किलो तक में उपलब्ध हो रहा है. ऐसे में किसानों को हरी खाद तैयार करने के लिए बीज महंगा पड़ रहा है.

haldwani news
किसान नरेंद्र मेहरा
author img

By

Published : Jun 6, 2020, 7:32 PM IST

हल्द्वानीःकृषि विभाग और सरकार की लापरवाही का खामियाजा प्रदेश के उन किसानों को उठाना पड़ रहा है, जो जैविक खेती कर रहे हैं. जैविक खेती के लिए केंद्र सरकार लगातार किसानों को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है. लेकिन उत्तराखंड में कृषि विभाग जैविक प्रदेश बनाने के ड्रीम प्रोजेक्ट को पलीता लगाने में जुटा है. यहां किसानों को जैविक खेती के लिए सनई और ढैंचा का बीज सब्सिडी में नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में किसानों को मजबूरन ऊंचे दाम में सनई और ढैंचा के बीज खरीदना पड़ रहा है.

किसानों को बीज खरीदने पर नहीं मिल रही सब्सिडी.

प्रदेश में हुए बहुचर्चित ढैंचा बीज घोटाले के बाद कृषि विभाग ने किसानों को सनई और ढैंचा पर सब्सिडी देना बंद कर दिया है. जबकि, केंद्र सरकार की ओर से जैविक खेती के लिए सभी प्रदेशों को सनई और ढैंचा बीज पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाती है. कई प्रदेशों में किसानों को सनई और ढैंचा बीच पर 80 से 90% तक सब्सिडी दी जाती है. जिससे किसान अपने खेत में बीज लगाकर हरी घास तैयार कर सके. जिसके बाद उस घास के माध्यम से खेतों में जैविक खाद तैयार कर खेती कर सके.

ये भी पढ़ेंःनैनीताल: अंकित ने छोड़ी लाखों की नौकरी, खेत में उगाई 'कामयाबी' की फसल

किसान सनई और ढैंचा के पौधे बड़े हो जाने के बाद उसे खेत की मिट्टी के साथ मिला देते हैं. जिसके बाद सनई और ढैंचा से जैविक खाद तैयार हो जाती है. बताया जा रहा है कि सनई और ढैंचा का बीज बाजार में ₹50 से लेकर ₹70 किलो तक में उपलब्ध हो रहा है. ऐसे में किसानों को हरी खाद तैयार करने के लिए बीज महंगा पड़ रहा है. जिसके चलते किसान सनई और ढैंचा का बीज नहीं खरीद पा रहे हैं और जैविक खेती से मुंह मोड़ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंःउत्तराखंड के नाम हुआ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड, काश्तकार ने उगाया सबसे ऊंचा धनिया

वहीं, प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा का कहना है कि सरकार किसानों को जैविक खेती करने की बात तो करती है, लेकिन किसानों को सनई और ढैंचा का बीज उपलब्ध नहीं करा रही है. साथ ही सब्सिडी भी नहीं दे रही है. जो किसानों को हतोत्साहित कर रहा है. जबकि, जैविक खेती के लिए रामबाण खाद बनाने के लिए सनई और ढैंचा के पौधों की अहम भूमिका होती है. साथ ही कहा कि किसान बीज मुहैया कराने को लेकर कई बार गुहार लगा चुके हैं, लेकिन उनकी सुध नहीं ली जा रही है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details