हल्द्वानी:अन्य प्रदेशों में आलू का सीजन समाप्त होने के बाद पहाड़ के आलू की डिमांड पूरे देश में की जाती है. इसको लेकर पहाड़ के किसान दिसंबर से आलू लगाना शुरू कर देते हैं. लेकिन पहाड़ के किसानों को अभी तक हिमाचल का आलू बीज नहीं मिल पाया है. ऐसे में पहाड़ के किसान परेशान हैं. किसानों ने कहा है कि अगर सरकार ने जल्द ही आलू का बीज उपलब्ध नहीं कराया गया तो पहाड़ के किसानों के आगे संकट खड़ा हो जाएगा.
गौर हो, कुमाऊं के रामगढ़, धारी, ओखलकांडा, नैनीताल सहित कई इलाकों में भारी मात्रा में आलू की खेती की जाती है. यहां के किसान आलू की खेती पर निर्भर हैं. ये लोग हर साल दिसंबर महीने से आलू लगाने का काम शुरू कर देते हैं. लेकिन किसानों को इस बार हिमाचल प्रदेश का बीज उपलब्ध नहीं होने से किसान चिंतित हैं. किसानों की मानें तो हॉर्टिकल्चर विभाग से उनको आलू का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, लेकिन वह भी मुनस्यारी का, जिसकी क्वालिटी अच्छी नहीं है. ऐसे में किसानों ने सरकार से मांग की है कि हिमाचल के मनाली के आलू का बीज उनको सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाए. जिससे कुमाऊं के किसान आलू का उत्पादन कर अपनी आय को बढ़ा सकें.
पहाड़ के किसानों एक दौर था जब रामगढ़, मुक्तेश्वर, सूफी, धारी, सतबूंगा में सरकारी आलू बीज उत्पादन केंद्र से बीज लेकर जाते थे. लेकिन अब यह बीज फार्म भी बंद हो चुके हैं. काश्तकारों का कहना है कि उनकी डिमांड के अनुसार उनको अब बीज भी उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. सरकार द्वारा केवल 25, 30 कुंतल बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. जबकि उनके पास आलू के बीज की खपत डेढ़ सौ से 200 कुंतल तक होती है.