रामनगर: देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण में देवताओं का वास है. पुराणों में भी सभी देवी-देवताओं का निवास उत्तराखंड अंचल में ही माना जाता है. सभी हिंदू देवी-देवताओं के साथ स्थानीय रूप से पूजे जाने वाले कई देवी-देवताओं का भी यहां की संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है.
रामनगर से करीब दस किमी दूर ढिकाला मार्ग पर गर्जिया नामक स्थान पर पर मां गिरिजा का मंदिर स्थापित है. जिसे गर्जिया देवी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. मां गिरिजा हिमालय की पुत्री और भगवान शिव की अर्धांगिनी हैं. कोसी नदी के बीच एक टीले पर स्थापित अद्भुत मंदिर भक्तों को अपनी ओर खींचता है. कोरोना वायरस के कारण मार्च में गर्जिया देवी मंदिर को भक्तों के लिए बंद कर दिया गया था. लेकिन, अनलॉक-4 के तहत अब 18 सितंबर से मां गर्जिया देवी के कपाट भक्तों के लिए खोल दिए जाएंगे.
गर्जिया देवी मंदिर के पुजारी जितेंद्र पांडे ने बताया कि समिति द्वारा तय किया गया है कि दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है. मंदिर परिसर तक वाहन नहीं जा पाएंगे. मुख्य मंदिर में एक बार में 20 श्रद्धालुओं को प्रवेश दिया जाएगा.