हल्द्वानी: शहर में आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. अस्पतालों में नेत्र रोग विभाग में करीब 80% मरीज आई फ्लू के पहुंच रहे हैं. ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है. हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल और राजकीय अस्पताल में आई फ्लू के मरीजों का तांता लगा हुआ है. आई फ्लू के मरीजों की संख्या में इजाफा देख अस्पताल प्रबंधन भी लगातार लोगों से आइसोलेट होने का सुझाव दे रहा है.
हल्द्वानी में तेजी से फैल रहा आई फ्लू, हॉस्पिटलों में रोजाना बढ़ रही मरीजों की तादाद
haldwani eye flu patient हल्द्वानी में हॉस्पिटलों में आई फ्लू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. साथ ही बरसात के मौसम में डॉक्टर लोगों को सावधानी बरतने की अपील कर रहे हैं. हल्द्वानी बेस अस्पताल में रोजाना करीब 200 मरीज आई फ्लू के पहुंच रहे हैं.
हल्द्वानी बेस अस्पताल में आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर कल्पना का कहना है कि बरसात के मौसम में आई फ्लू की बीमारी कई बार देखने को मिलती है. ऐसे में इस बीमारी से घबराने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि आई फ्लू 1 से 2 सप्ताह के भीतर ठीक हो जाने वाली बीमारी है. यह एक प्रकार का वायरस होता है और ऐसे में व्यक्ति को अगर आई फ्लू हो जाता है तो अपने आपको आइसोलेट कर देना चाहिए. डॉ. कल्पना के मुताबिक अस्पताल में रोजाना करीब 200 मरीजों की ओपीडी हो रही है. जिसमें करीब 120 से 140 आई फ्लू के मरीज इलाज के लिए आ रहे हैं. डॉक्टर के मानें तो मौसम के बदलाव के कारण पिछले कुछ दिनों से आई फ्लू के मामले तेजी से बढ़ रहे है.
आई फ्लू के लक्षण और बचाव:डॉ. कल्पना के मुताबिक आई फ्लू के दौरान मरीजों के आंखों का लाल होना, आंखों में खुजली होना, आंखों में पानी आना तथा आंखों में कुछ चुभने जैसी शिकायतें होती हैं. ऐसी स्थिति में आंखों के डॉक्टर से जरूर सलाह लें. लापरवाही बरतने पर इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है. स्कूली बच्चों में बीमारी के लक्षण है तो स्कूल न भेजे. बीमारी से ठीक होने के बाद भी स्कूल भेजें. डॉक्टर के मुताबिक आई फ्लू एक वायरस बीमारी है और यह एक दूसरे के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है. ऐसे में एक दूसरे से दूरी बनाए रखें, इसके अलावा आई फ्लू होने पर आंखों को ठंडे पानी और बर्फ से सिकाई ना करें. घरेलू इलाज से बचें, इसके अलावा कहीं आने जाने के दौरान चश्मे का प्रयोग करें. दूसरे के तौलिया रुमाल का इस्तेमाल ना करें. अगर आई फ्लू होने की शिकायत है तो मरीज स्वयं को आइसोलेट कर कुछ दिनों में बीमारी ठीक हो जाएगी. अगर अधिक परेशानी हो तो डॉक्टर से संपर्क कर डॉक्टरों के सुझाव के अनुसार इलाज कराएं.