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बजट मिलने के बाद भी नहर निर्माण की टेंडर प्रक्रिया में देरी, किसानों की सूख रही फसल, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता से मांगा स्पष्टीकरण - सिंचाई विभाग

हल्द्वानी में सिंचाई विभाग में अधिकारियों की सुस्त चाल लोगों पर भारी पड़ रही है. क्षतिग्रस्त नहर निर्माण की ट्रेंडर प्रक्रिया ना होने से लोगों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. जिसके बाद मामले में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने अधीक्षण अभियंता से स्पष्टीकरण मांगा है.

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Published : Jun 11, 2023, 12:31 PM IST

बजट मिलने के बाद भी नहर निर्माण की टेंडर प्रक्रिया में देरी

हल्द्वानी:सरकारी विभागों में अधिकारियों की लापरवाही किसी से छिपी नहीं है. अधिकारियों की लापरवाही के चलते सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों की योजनाओं का लाभ लोगों को नहीं मिल पाता है. नया मामला सिंचाई विभाग से सामने आया है, जहां विभाग को बजट मिलने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारी टेंडर की कार्रवाई नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता ने अधीक्षण अभियंता से पूरे मामले में स्पष्टीकरण मांगा है.

मामला सिंचाई विभाग का है, जहां गौलापार क्षेत्र में 2 साल पहले आई आपदा के दौरान क्षतिग्रस्त नहर का निर्माण कार्य लंबे समय से अटका हुआ है. इस कार्य के लिए 15 दिन पहले शासन से एक करोड़ 15 लाख की धनराशि जारी होने के बाद भी अब तक उसका टेंडर नहीं निकाला गया है. वहीं इस मामले पर अब सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता संजय शुक्ल ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है. साथ ही उन्होंने अधीक्षण अभियंता को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है. मुख्य अभियंता संजय शुक्ला ने तत्काल टेंडर जारी कर काम शुरू करने के आदेश भी जारी किए हैं.
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गौलापार क्षेत्र में नहर के क्षतिग्रस्त होने से हजारों ग्रामीणों को सिंचाई करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं मॉनसून से पहले अगर नहर का काम शुरू नहीं हुआ तो किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है. गौरतलब है कि गौलापार क्षेत्र में सिंचाई का मुख्य साधन नहर है. लेकिन नहर क्षतिग्रस्त होने के चलते किसानों के सामने सिंचाई का संकट खड़ा हो गया है. सरकार द्वारा बजट जारी होने के बाद भी लापरवाह अधिकारी टेंडर नहीं कर रहे हैं. ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि सरकारी विभाग के अधिकारी सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं योजनाओं में लेटलतीफी कर रहे हैं.

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