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76 शराब दुकानों के बंद होने से विभाग को लग सकता है 122 करोड़ का चूना, जानिए वजह - हल्द्वानी घोटाला

कुमाऊं मंडल में 287 दुकानों का आवंटन किया जाना था, जिसमें से 76 दुकानों की आवंटन राशि ज्यादा होने के कारण इनका ठेका किसी ने नहीं लिया, जिस कारण सरकार को इन दुकानों को बंद करना पड़ा. इससे विभाग को 122 करोड़ का चूना लगने की संभावना है.

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आबकारी विभाग को नुकसान.

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Published : Dec 21, 2019, 11:25 AM IST

हल्द्वानी: प्रदेश सरकार के राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत शराब का कारोबार है. साल 2019-20 के लिए आवंटित कुमाऊं मंडल की 287 शराब की दुकानों में 76 दुकानों को ठेकेदार नहीं मिले. इसके चलते इस साल सरकार को 122 करोड़ के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि दुकानों की आवंटन बोली अधिक होने के चलते शराब कारोबारियों ने दुकानें आवंटित नहीं कराई है. इस कारण मजबूरन सरकार को 76 दुकानों को बंद करना पड़ा.

आबकारी विभाग को नुकसान.

संयुक्त आबकारी आयुक्त कुमाऊं मंडल केके कांडपाल ने बताया कि कुमाऊं मंडल के सभी 6 जिलों में सरकार द्वारा 287 शराब की दुकानों को निर्धारित किया गया है. वहीं, इस बार 211 दुकानें ही संचालित हो पाई हैं, जबकि 76 दुकानों का ठेका न होने के कारण बंद करना पड़ा.

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उन्होंने बताया कि 287 शराब की दुकानों द्वारा इस साल सरकार ने 794 करोड़ के राजस्व का लक्ष्य रखा था. लेकिन, 76 दुकानों के बंद हो जाने से 122 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ सकता है. वहीं, 122 करोड़ के घाटे को पूर्ति नजदीक की दुकानों से हो सकती है, क्योंकि 76 दुकानों के बंद होने से नजदीकी दुकानों पर बिक्री बढ़ी है.

उन्होंने बताया कि मंडल में 54 देशी शराब और 22 विदेशी शराब की दुकानें बंद हैं. उधम सिंह नगर में 33 दुकानें ,नैनीताल जनपद में 8 दुकानें, अल्मोड़ा जनपद में 20 दुकानें, पिथौरागढ़ में 10, बागेश्वर में 4 और चंपावत में 1 दुकान बंद है. केके कांडपाल के अनुसार, विभाग इस घाटे के पूर्ति के लिए लगातार प्रयासरत है. विभाग की कोशिश यही है कि इस घाटे को पूरा किया जा सके.

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