उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

डेढ़ महीने बाद भी किसानों को नहीं मिला धान का भुगतान, ₹783 करोड़ बकाया - हल्द्वानी ताजा खबर

प्रदेश में हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद डेढ़ महीने बाद भी किसानों को उनके धान का भुगतान नहीं हो पाया है और ₹783 करोड़ का भुगतान बकाया है. ऐसे में सरकार हाईकोर्ट की अवहेलना कर रही है.

haldwani news
haldwani news

By

Published : Dec 18, 2020, 7:18 PM IST

हल्द्वानीः प्रदेश के किसानों से सरकार द्वारा खरीदी जा रही धान मूल्य का भुगतान नहीं किए जाने पर कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री और किसानों के हित की लड़ाई लड़ने वाले याचिकाकर्ता गणेश उपाध्याय ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए किसानों के धान का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है. प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है, जिसको लेकर वह कोर्ट की अवहेलना का केस दर्ज कराएंगे.

डेढ़ महीने बाद भी किसानों को नहीं मिला धान का भुगतान.

वहीं, गणेश उपाध्याय ने बताया कि इस साल प्रदेश सरकार द्वारा निजी और सरकारी एजेंसियों के माध्यम से खरीदी गई धान का 783 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को अभी तक नहीं हो पाया है. हाईकोर्ट ने किसानों को उनके भुगतान के निर्देश 24 घंटे से लेकर 7 दिनों के भीतर किए जाने के आदेश भी दिए हैं, लेकिन प्रदेश सरकार द्वारा कोर्ट की अवहेलना की जा रही है और किसानों के धान का भुगतान पिछले डेढ़ महीनों से नहीं हुआ है. ऐसे में किसानों के हित की लड़ाई लड़ते हुए एक बार फिर वह हाईकोर्ट की शरण में जा रहे हैं. उनके याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले का सरकार खुलेआम उल्लंघन कर रही है और किसानों का धान खरीद का भुगतान समय से नहीं कर रही है. ऐसे में वह मजबूरन सरकार के खिलाफ कोर्ट की अवहेलना का मामला दर्ज कराएंगे.

इसके साथ ही गणेश उपाध्याय ने कहा कि इस साल सरकार द्वारा किसानों से निजी एजेंसी के माध्यम से 70 लाख कुंतल की 1,261 करोड़ धान की खरीद की गई, लेकिन उसके सापेक्ष में केवल 618 करोड़ का ही किसानों को भुगतान हो पाया है. निजी एजेंसियों द्वारा अभी भी किसानों के 543 करोड़ का भुगतान नहीं हो पाया है. यही नहीं 30 लाख कुंतल 490 करोड़ का धान सरकारी तौल कांटों पर की गई है, जिसके सापेक्ष में सरकार द्वारा अभी तक मात्र 244 करोड़ का ही भुगतान किया गया है, जबकि 240 करोड़ का भुगतान अभी बाकी है.

ये भी पढ़ेंःकाशीपुर: कांग्रेस नेता की फैक्ट्री सील, 46 लाख का बिजली बिल था बकाया

उन्होंने बताया कि, उनके द्वारा लगाई गई जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने 24 घंटे से लेकर 7 दिनों के अंदर किसानों के फसल खरीद की भुगतान के निर्देश दिए थे, लेकिन डेढ़ महीने बाद भी सरकार द्वारा किसानों से क्रय की गई धान की भुगतान बकाया है. ऐसे में सरकार कोर्ट की खुलेआम उल्लंघन कर रही है और किसानों को उनके फसल का भुगतान समय से नहीं दे रही है.

गणेश उपाध्याय ने कहा कि एक तरफ सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो कर रही है, लेकिन सरकार द्वारा किसानों से खरीदी गई फसल का समय से भुगतान नहीं होना किसानों के लिए समस्या बन रही है. उन्होंने कहा कि सरकार हाईकोर्ट के आदेश की भी अवहेलना कर रही है. ऐसे में इस मामले को लेकर एक बार फिर हाईकोर्ट में जा रहे हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details