हल्द्वानीः पर्यावरणविद् और पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा का आज जन्मदिन है. बहुगुणा अपने उम्र के 93 वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं. चिपको आंदोलन के प्रणेता माने जाने वाले पद्म विभूषण सुंदरलाल बहुगुणा अपने उम्र के आखिरी पड़ाव में काफी कमजोर हो चुके हैं, लेकिन आज भी उनके दिल में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जज्बा बरकरार है.
बता दें कि पर्यावरण संरक्षण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करने वाले सुंदरलाल बहुगुणा का जन्म 9 जनवरी 1927 को टिहरी जिले के सिलयार गांव में हुआ है. सुंदरलाल बहुगुणा देश की आजादी के लिए भी लड़ाई लड़ चुके हैं और कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता भी थे. आजादी के बाद वे अपना राजनीति जीवन त्याग कर समाज सेवा और पर्यावरण के क्षेत्र में आगे बढ़े. जिसके बदौलत उन्होंने उत्तराखंड को आज इस मुकाम तक पहुंचाया है.
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बहुगुणा भूदान आंदोलन से लेकर दलित उत्थान, शराब विरोधी आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभा चुके हैं. सुंदरलाल बहुगुणा साल 1981 से 1983 के बीच पर्यावरण को लेकर चंबा के लंगोरी गांव से हिमालय क्षेत्र की करीब 5000 किलोमीटर की पैदल यात्रा भी कर चुके हैं. उनकी यह यात्रा विश्वभर में सुर्खियों में रही.
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