हल्द्वानी: कुमाऊं की लाइफ लाइन कही जाने वाली गौला नदी और नंधौर नदी से हर साल खनन से सरकार को करोड़ों की राजस्व की प्राप्ति होती है. साथ ही हजारों लोगों को यहां होने वाले खनन से रोजगार भी मिलता है, लेकिन, बरसात में गौला एवं नंधौर नदी लोगों के लिए मुसीबत भी लाती है. बरसात के समय नदियों का पानी तबाही मचाता है. इसलिए प्रशासन ने अभी से यहां तटबंध बनाने की तैयारियां शुरू कर दी है. गौला एवं नंधौर नदी में साढ़े तीन करोड़ की लागत से तटबंध बनाए जाएंगे. जिससे यहां भू-कटाव से मुक्ति मिलेगी.
बता दें पिछले साल भू-कटाव के चलते कई किसानों की कई एकड़ जमीनें भी नदी में समा चुकी हैं. ऐसे में किसानों की जमीन और फसल को बचाने के लिए मानसून सीजन से पहले वन विभाग तटबंध बनाने की कवायद शुरू कर दी है. जिससे कि नदी के भू-कटाव से किसानों के खेतों और फसलों को नुकसान होने से बचाया जा सके. प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया गौला और नंधौर नदी के भू-कटाव के चलते किसानों के काफी जमीनों को नुकसान पहुंचा है. यहां तक पूर्व में बनाए गए तटबंध भी नदी के बहाव में बह चुके हैं. ऐसे में नदी के भू-कटाव क्षेत्र में तटबंध बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है. जिससे कि भविष्य में होने वाले बरसात से किसानों को नुकसान ना हो.