हल्द्वानी: मानसून में गौला और नंधौर नदी क्षेत्र से लगे कई गांवों की परेशानियां बढ़ जाती हैं. नदी के पानी के बहाव के चलते कई गांवों में भू-कटाव की स्थिति पैदा हो जाती है. जिसके चलते किसानों की फसलों और घरों को खतरा मंडराने लगता है. ऐसे में अब गौला और नंधौर नदी से होने वाले भू-कटाव को रोकने के लिए वन विभाग ने तटबंध बनाने की कार्रवाई शुरू कर दी है.
मानसून सत्र से पहले 3 करोड़ के बजट से गौला और नंधौर नदी में बनेगा तटबंध, बाढ़ से मिलेगी निजात - गौला और नंधौर नदी
मानसून सीजन में नदियों का पानी बढ़ने से कई क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बन जाती है. जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. लोगों को परेशानियां फेस ना करना पड़े इसके लिए वन विभाग समय रहते तटबंध बनाने के कार्य में लग गया है.
गौला नदी के कई ग्रामीण क्षेत्रों में दो करोड़ की लागत से तटबंध बनेगा, जबकि नंधौर नदी में एक करोड़ की लागत से तटबंध बनने जा रहा है. प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि इन नदियों से होने वाले भू-कटाव को रोकने के लिए तटबंध बनाने की कार्रवाई शुरू होने जा रही है. जो मानसून सीजन से पहले पूर्ण कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि कैंपा योजना के तहत इन दोनों नदियों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में नदियों के किनारे तटबंध बनाए जाने हैं. गौला नदी के बिंदुखत्ता, खुरियाखता, इंदिरा नगर सहित कई क्षेत्रों में तटबंध बनाए जाने हैं.
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योजना के तहत तटबंध बनाने का कार्य पेयजल निर्माण निगम द्वारा कराया जाएगा. कार्य योजना के लिए कार्यदायी संस्था को तीन करोड़ का बजट जारी कर दिया गया है. साथ ही निर्देशित किया गया है कि मानसून सत्र से पहले नदी में बनने वाले तटबंध को पूर्ण किया जाए. जिससे बरसात में ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले बाढ़ के खतरे को रोका जा सके. गौरतलब है कि बरसात के समय गौला और नंधौर नदी उफान पर आने से कई ग्रामीण क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है. जिसके चलते किसानों को भू-कटाव के साथ फसलों और घरों को नुकसान होने का खतरा बना रहता है. जिसको देखते हुए वन विभाग नदियों के संभावित बाढ़ क्षेत्र में तटबंध बनाने की कार्रवाई शुरू करने जा रहा है.