रामनगर: जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर बाघ की दस्तक देखने को मिलती है, जिस कारण यहां पर लोग जंगली जानवरों के डर के साए में जीने को मजबूर है. इन इलाकों में बाघ से हमलों से कई लोगों की जान भी जा चुकी है. ऐसे में मानव-वन्यजीव को बीच बढ़ते इस संघर्ष पर काबू पाना वन विभाग के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. हालांकि बाघ हमलों की कम करने के लिए वन विभाग नए-नए तरीके अपनाता रहता है, ऐसे ही एक और तरीका वन विभाग ने इजात किया है. जिससे बाघ को इंसानों से दूर रखने का प्रयास किया जाएगा.
दरअसल, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और वन प्रभाग रामनगर लगे क्षेत्र में बीते दो हफ्तों में मानव वन्यजीव संघर्ष की दो घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जिसके बाद से ही कॉर्बेट प्रशासन और वन प्रभाग रामनगर ज्यादा चौकन्ना हो चुके हैं. दोनों विभाग की संयुक्त टीम बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास भी कर रही है, जिसके लिए हाथियों की मदद से वैटनरी डॉक्टरों की तीन टीमें क्षेत्र में गश्त कर रही है, ताकि बाघ को ट्रेंकुलाइज किया जा सके. वहीं ड्रोन कैमरों से भी बाघ पर नजर रखी जा रही है, लेकिन इन सबसे अलग वन विभाग की चिंता बाघ के इंसानों पर किए जा रहे हमले को लेकर है. इसके लिए भी वन विभाग ने रास्ता खोजा है.
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बाघ के हमलों को रोकने के लिए पहली बार वन विभाग विदेशों की तर्ज पर ही इलेक्ट्रिफाइड इंसानों सी दिखने वाली डमी का उपयोग कर रहा है. वन विभाग का मानना है कि इससे आक्रमक हो रहे बाघों के व्यवहार में बदलाव आएगा.