नैनीताल: पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड में इको और विलेज टूरिज्म उम्मीद की एक नई किरण लेकर आया है, जो युवा कभी रोजगार के लिए शहर की ओर जा रहे थे, वो अब गांवों का रूख करने लगे हैं. पर्वतीय इलाकों के युवाओं ने रोजगार के लिए पहाड़ों के प्राकृतिक सौंदर्य और यहां के कठोर जीवन को ही रोजगार का माध्यम बना लिया है.
पलायन का दंश झेल रहे उत्तराखंड के युवाओं ने अब इको और विलेज टूरिज्म से जुड़कर नई इबारत लिखनी शुरू कर दी है, ताकि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नया डेस्टिनेशन बनाया जा सके और उत्तराखंड में हो रहे पलायन को रोका जा सके.
पलायन की जितनी मार उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों ने झेली है इतनी शायद ही किसी दूसरे राज्य ने झेली हो. रोजगार की तलाश में युवा गांव से निकलते चले गए और पलायन की वजह से गांव के गांव खाली हो गए. लेकिन अब वीरान पड़े इन गांवों की तस्वीर बदलने लगी है. रोजगार की तलाश में गांव से निकले युवाओं ने लौटना शुरू कर दिया है. प्राकृतिक सुंदरता से लबरेज गांव में ही युवाओं ने रोजगार के नए रास्ते खोजने शुरू कर दिए हैं. गांव की प्राकृतिक खूबसूरती और पहाड़ के पारंपरिक रहन-सहन से लेकर गांव के खानपान को युवाओं ने रोजगार का माध्यम बनाया है.
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