हल्द्वानीः ब्रिटिशकाल में विकास के लिहाज से जो काम किए गए वो आज भी धरोहर के रूप में कायम है. उन्हीं धरोहर में से एक हल्द्नानी से 10 किलोमीटर दूर फतेहपुर वन क्षेत्र है में बनी ब्रिटिशकालीन बावन डाट सिंचाई नहर है. जो जमीन से 40 फुट ऊपर 52 पिलरों पर बनी है. 100 साल से भी ज्यादा पुरानी हो चुकी ये नहर आज भी वैसे ही खड़ी है. हालांकि, सरकार और शासन की बेरुखी के चलते देखभाल के अभाव में ये नहर बदहाली की कगार पर है. आलम ये ही कि इस ब्रिटिशकालीन नहर के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है.
ब्रिटिशकाल में 1882 के आस-पास अंग्रेजों द्वारा बनाई गई फतेहपुर में बनाई गई सिंचाई के लिए बावन डाट नहर 40 फुट ऊपर बड़े-बड़े 52 पिलरों पर खड़ी है. इसलिए इसका नाम 52 डाट नहर पड़ा. इस नहर की लंबाई करीब 1 किलोमीटर के आसपास है. यह नहर फतेहपुर से लामाचौड़ तक गुजरती है और कई दर्जन गांव की खेती को सिंचाई के लिए भाखड़ा नदी से पानी उपलब्ध कराती है.