लालकुआं में बंगाली रीति रिवाज से होती मां दुर्गा की पूजा हल्द्वानी: पूरे देश में नवरात्रि का धूम है. जगह-जगह रामलीला के साथ-साथ मां दुर्गा के पंडाल भी बनाए गए हैं. पश्चिम बंगाल शारदीय नवरात्रि में विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा की जाती है. जहां बड़े-बड़े विशेष पंडाल लगाए जाते हैं. इसी तरह का नजारा लालकुआं स्थित सेंचुरी पेपर मिल में पिछले कई दशकों से देखने को मिलता है. जहां मां दुर्गा की बांग्ला विधि-विधान से आराधना की जाती है. मां दुर्गा के पूजा करने के लिए बंगाल से कारीगर और पुजारी आते हैं.
दुर्गा पूजा पंडाल में उत्तराखंड के साथ ही बंगाल की संस्कृति की झलक देखने को मिल रही है. पंडाल में मां दुर्गा की 10 फीट से अधिक ऊंची प्रतिमा बनाई गई है.मूर्ति की विशेषता की बात की जाए तो इसमें मां दुर्गा के साथ लक्ष्मी, सरस्वती, भगवान कार्तिकेय ,भगवान श्री गणेश की मूर्ति बनाई गई है.मां दुर्गा महिषासुर का वध करते हुए दिखाई गई हैं.मां दुर्गा पूजा के लिए बनने वाली मूर्ति भी बंगाल के कारीगर द्वारा बनाई गई.मां दुर्गा का सिंगर भी बांग्ला संस्कृत में किया गया है.
मां दुर्गा की बंगाली रीति रिवाज से पूजा पढ़ें- Dussehra 2023: विजयादशमी के दिन करें शमी के पौधे की पूजा, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा जबकि पूजा बांग्ला वाद्य यंत्रों से की जा रही है. शारदीय नवरात्रि में मा दुर्गा की पूजा-अर्चना को लेकर बंगाली परिवारों की मान्यता है कि मां भगवती नवरात्रि में मायके आती हैं.ऐसे में उनका भव्य रूप से स्वागत किया जाता है. इस दौरान बंगाली महिलाएं सिंदूर खेला और सिंदूरदान करती हैं. इसको लेकर ये मान्यता है कि पति की आयु बढ़ती है और परिवार में सुख शांति की प्राप्ति होती है.
दशहरे की तैयारी जोरों पर:24 अक्टूबर को दशहरा पर मनाया जाएगा. हल्द्वानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में दशहरे की तैयारी की जा रही है. रावण सहित उसके परिवार के पुतला बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के बिहार से दो दर्जन से अधिक कारीगर पहुंचे हुए हैं जहां रावण कुंभकरण, मेघनाथ, के पुतले को बना रहे हैं. पिछले तीन पीढ़ियों से पुतले का काम कर रहे हैं. शंभू बाबा का परिवार और उसके कारीगर पुतला बनाने में दिन-रात जुटा हुआ है.श्रीरामलीला मैदान में पुतला निर्माण कर रहे कारीगरों ने बताया कि इस बार रावण का 55 फीट का पुतला तैयार किया जा रहा है, जो आकर्षण का केंद्र होगा. साथ ही रावण की आंखें और मुंह चलती हुई दिखाई देगी.
महाअष्टमी पर बागेश्वर में दीप दान:महाअष्टमी के दिन बाबा बागनाथ की नगरी में सरयू घाट पर दीपोत्सव के साथ मां सरयू की भव्य आरती की गई. हजारों लोगों ने सरयू आरती में भाग लिया. सरयू किनारे जले दीपों से नगर रोशनी में जगमगा गया. हजारों लोगों ने आतिशबाजी का जमकर लुत्फ उठाया. बता दें कि लंबे समय से बागेश्वर दुर्गा पूजा पर अष्टमी की शाम भव्य गंगा आरती, दीपदान और आतिशबाजी का आयोजन किया जाता रहा है. आरती के दौरान हजारों की संख्या में भक्तों ने गंगा आरती में भाग लिया.
काशीपुर में निकाली शोभायात्रा:शारदीय नवरात्र की अष्टमी पर मां मनसा देवी की शहर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा शहर में विभिन्न मार्गों से होते हुए मां चामुंडा मंदिर में पूजा अर्चना के बाद परिक्रमा कर वापस मां मनसा देवी मंदिर में आकर समाप्त हुई. जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया. इस दौरान पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया.
कुमाऊं के हैड़ाखान मंदिर में लगा श्रद्धालुओं का तांता: चिलियानौला स्थित हैड़ाखान मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है. मंदिर में देश से ही नहीं विदेशों से भी श्रद्धालु शारदीय नवरात्र में यहां पहुंचते हैं. इस बार भी श्रदालु यहां पहुंचे हैं और जगदम्बा महायज्ञ में भाग ले रहे हैं. बाबा हैड़ाखान मंदिर में योग, साधना और चमत्कारों की अनुभूति करने के लिए साल भर श्रद्धालु पहुंचते हैं. लेकिन शारदीय नवरात्र में यहां खासी चहल-पहल रहती है. मंदिर परिसर में जगदम्बा महायज्ञ और भजन कीर्तन से भक्तिमय वातावरण बना रहता है.बाबा हैड़ाखान से प्रभावित उनके भक्त देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं.
बाबा से जुड़ी आस्था का ही प्रभाव है कि बड़ी संख्या में विदेशों से श्रद्धालु बाबा के मंदिर में पहुंचते हैं.यहां विदेशी जोड़ों का विधि विधान से नामकरण संस्कार भी होता है.बाबा हैड़ाखान के भक्तों में आम ही नहींं बल्कि देश दुनिया की कई बड़ी हस्तियां भी हैं. जिनमें बॉलीवुड के सुपर स्टार शम्मी कपूर, प्रियंका चोपड़ा, राजेश पायलट भी शामिल हैं. इस बार भी हैड़ाखान मंदिर देशी विदेशी भक्तों से गुलजार है.दुर्गाष्टमी के मौके पर क्षेत्र के विधायक ड़ॉ. प्रमोद नैनवाल भी जगदम्बा महायज्ञ में शामिल हुए.