नैनीताल:कुमाऊं विश्वविद्यालय डीएसबी कॉलेज छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति समेत रजिस्ट्रार पर विश्वविद्यालय में सामान की खरीदारी में वित्तीय अनियमितता व नियुक्ति में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. इसकी शिकायत देश के प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री उत्तराखंड और उच्च शिक्षा मंत्री को ज्ञापन भेजकर कुलपति और रजिस्ट्रार समेत घोटाले में शामिल लोगों पर कार्रवाई की मांग की है.
छात्रसंघ अध्यक्ष ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप छात्रसंघ पदाधिकारियों ने लगाए ये आरोप: छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम बिष्ट का आरोप है कि कुलपति द्वारा डिग्रियों की प्रिंटिंग करने वाली आउट सोर्स एजेंसी से 25 प्रतिशत कमीशन लिया जा रहा है. जो डिग्रियां पूर्व में छप चुकी हैं, उनको दोबारा छपवाया जा रहा है. शादी के कार्ड छापने वाली फर्म से ट्रांसक्रिप्ट और डिग्रियों की प्रिंटिंग करवाई जा रही है. जिन डिग्रियों की छपाई 20 से 25 रुपए में होती थी, उन्हें विश्वविद्यालय 90 रुपए और दो रुपए में छपने वाले परीक्षा पत्रों को छह रुपए में छपवा रहा है.
प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन नियम विरुद्ध रिश्तेदार की नियुक्ति का भी आरोप: छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम बिष्ट ने विश्वविद्यालय द्वारा एआरपी सॉफ्टवेयर के नाम पर करोड़ों रुपए का घोटाला, किताबों की खरीदारी में 25% कमीशन, विश्वविद्यालय में सुरक्षा गार्डों को राज्य सरकार के मानकों के आधार पर कम वेतन देने और गार्ड देने वाली एजेंसी से कमीशन मांगने का आरोप लगाया है. इसके अलावा विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार किए जाने का आरोप भी लगाया है. छात्रसंघ अध्यक्ष का कहना है कि कुलपति ने विश्वविद्यालय में अपने रिश्तेदार को कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर बिना किसी योग्यता के नियम विरुद्ध तरीके से नियुक्त किया है.
भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की मांग छात्रसंघ अध्यक्ष शुभम बिष्ट ने दी आंदोलन की चेतावनी: लिहाजा विश्वविद्यालय में हो रही अनियमितता और भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार जल्द से जल्द महालेखा परीक्षक से कुमाऊं विश्वविद्यालय का ऑडिट कराए. साथ ही विश्वविद्यालय में हो रही अनियमितता की उच्च स्तरीय जांच करवाएं. शुभम बिष्ट ने चेतावनी दी है अगर राज्य सरकार ने विश्वविद्यालय में चल रही अनियमितता की जांच नहीं कराई तो छात्रसंघ समस्त अध्यापक और कर्मचारी को भरोसे में लेकर कुमाऊं विश्वविद्यालय में आंदोलन करने को मजबूर होगा.
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कुलपति ने आरोपों को बताया गलत: वहीं इस मामले पर कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी ने भी अपना पक्ष रखा है. कुलपति प्रोफेसर एनके जोशी का कहना है कि उन पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं. उनका कोई भी परिचित या रिश्तेदार विश्वविद्यालय में नौकरी नहीं करता है. उन्होंने हमेशा छात्र हित और विश्वविद्यालय की गरिमा का ध्यान रखते हुए काम किया है.