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डोर स्टेप स्कीम से राशन की कालाबाजारी पर लगेगी रोक, RFC दुकानों तक पहुंचाएगा अनाज

उत्तराखंड सरकार ने सस्ता गल्ला राशन की कालाबाजारी रोकने और खाद्यान्न वितरण में पूरी तरह से पारदर्शिता लाए जाने के मकसद से डोर स्टेप स्कीम शुरू की है. स्कीम के तहत अब आरएफसी सस्ता गल्ला दुकानदारों की दुकानों तक राशन पहुंचाने का काम करेगा. साथ ही दुकानदारों को आवंटित खाद्यान्न की उठान के लिए अनाज गोदामों के चक्कर काटने और उठाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा.

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हल्द्वानी

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Published : Jul 4, 2022, 5:06 PM IST

हल्द्वानी:सस्ता गल्ला राशन विक्रेताओं को अब खाद्यान्न उठाने के लिए आरएफसी के गोदामों तक नहीं जाना पड़ेगा. आरएफसी डोर स्टेप स्कीम के तहत अब सस्ता गल्ला दुकानदारों की दुकानों तक राशन पहुंचाने का काम करेगा, जिससे कि राशन की कालाबाजारी रोकने के साथ-साथ खाद्यान्न वितरण में पूरी तरह से पारदर्शिता लाई जाए. खाद्य विभाग ने पहली बार उत्तराखंड में इस योजना को लागू किया है, जिसकी शुरुआत रामनगर से हो गई है. अन्य जिलों में इसकी शुरुआत के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है.

डोर स्टेप स्कीम की शुरुआत: क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक हरवीर सिंह ने बताया कि सरकारी राशन की कालाबाजारी रोकने और खाद्यान्न वितरण में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ कार्ड धारकों को समय से राशन मिल सके, इसको देखते हुए डोर स्टेप स्कीम की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत राशन दुकानदारों को अब अपने आवंटित खाद्यान्न के उठान के लिए अनाज गोदामों के चक्कर काटने और उठाने की परेशानी से छुटकारा मिलेगा.

नई व्यवस्था से कोटे की दुकानों से न सिर्फ समय पर खाद्यान्न बंटेगा बल्कि कोटेदारों द्वारा अक्सर गोदामों से मिलने वाले राशन में घटतौली के आरोप लगते थे जिससे निजात मिलेगी. उन्होंने बताया कि नई व्यवस्था के तहत ठेकेदार द्वारा राशन दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाए जाने का काम किया जाएगा, जहां कोटेदार अपनी दुकान पर आवंटित राशन को तोल कर राशन ले सकेगा. उन्होंने बताया कि कई बार सवाल खड़े हो रहे थे कि कोटेदारों द्वारा खाद्यान्न उठाने के बाद रास्ते में खाद्यान्न को बेच दिया जाता था लेकिन नई व्यवस्था के तहत उनकी दुकानों तक राशन पहुंचाया जाएगा.
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हरवीर सिंह (Harveer Singh) ने बताया कि उत्तराखंड में इसकी शुरुआत रामनगर से कर दी गई है. सभी जिलों के राशन दुकानदारों तक राशन पहुंचाए जाने के लिए टेंडर प्रक्रिया की जा रही है और ठेकेदारों के माध्यम से सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों तक खाद्यान्न पहुंचाए जाने का काम किया जाएगा. उन्होंने बताया कि ठेकेदारों द्वारा दुकानों तक राशन पहुंचाए जाने पर पूरी पारदर्शिता अपनाई जाए जाएगी. विभाग द्वारा इसकी निगरानी भी की जाएगी. इसके अलावा जिस भी वाहन में खाद्यान्न कोटेदारों तक पहुंचाया जाएगा, उक्त वाहन में जीपीएस और अलार्म भी होगा जो राशन वितरण के दौरान होने वाली सभी गतिविधियों को अवगत कराएगा.

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