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एक सप्ताह बीतने के बाद भी पीड़ितों को नहीं मिली राहत, देखिए ग्राउंड रिपोर्ट

बीते दिनों आई भारी बारिश के कारण नैनीताल जनपद में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. आपदा से जिले में 35 लोगों की मौत हुई है और कई लोगों को नुकसान पहुंचा है. लेकिन सरकार की ओर से अभी तक पीड़ित परिवारों को मुआवजा नहीं मिला है. जिससे ग्रामीणों में खासा रोष है.

ETV Bharat Ground Report
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Published : Oct 25, 2021, 9:38 AM IST

Updated : Oct 25, 2021, 12:08 PM IST

हल्द्वानी:कुमाऊं मंडल में दैवीय आपदा के एक सप्ताह पूरे हो गए है. बीते दिनों आई भारी बारिश के कारण नैनीताल जनपद में सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. नैनीताल जिले में अब तक आपदा के चलते 35 लोगों के मौत की पुष्टि हो चुकी है. वहीं, 5 व्यक्ति घायल हैं. जिले में 74 भवनों को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा जिले में 4 राज्य मोटर मार्ग और 36 ग्रामीण मोटर मार्ग अवरुद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है. चुकी है. अभी भी कई लोग लापता है जिनकी खोजबीन की जा रही है. ऐसे में आपदा पीड़ितों से मुलाकात कर ईटीवी भारत ने उनका हाल जाना.

एक सप्ताह बीतने के बाद भी पीड़ितों को नहीं मिली राहत.

बता दें कि इस आपदा में प्रदेश को 5000 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. वहीं, कई पीड़ित परिवारों को अभी तक सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. आलम ये है कि कई परिवारों के आगे खाने-पीने के अलावा सिर छुपाने तक तक संकट खड़ा हो गया है. वहीं, दूसरी ओर सरकार लगातार पीड़ित परिवारों तक मुआवजा और आर्थिक सहायता पहुंचाने की दावा कर रही है लेकिन नैनीताल जनपद के बिंदुखत्ता गांव में हकीकत इसके बिल्कुल उलट है. यहां आपदा से पीड़ित कई ऐसे परिवार हैं जिनके पास अभी तक कोई सहायता नहीं पहुंच पाई है.

भारी बारिश के चलते गौला नदी ने नैनीताल जनपद के बिंदुखत्ता गांव में भारी तबाही मचाई है और किसानों के कई एकड़ भूमि और 5 ग्रामीणों के मकान नदी में बह गए हैं. जिसके बाद सीएम ने ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्हें हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया था, लेकिन आपदा के एक सप्ताह बाद भी इन परिवारों को मुआवजा नहीं मिला पाया. सरकारी मशीनरी द्वारा पीड़ितों को तीन दिनों तक खाने पीने का सामान उपलब्ध कराया गया. लेकिन अब सरकारी मशीनरी भी इन पीड़ितों को भूल गई है. जिन परिवारों के मकान बह गए हैं उन्हें सरकार ने मात्र ₹3,000 का चेक देकर इतिश्री कर दी है. जिससे ग्रामीणों में खासी नाराजगी है.

ग्रामीणों का कहना है कि उनके कई एकड़ जमीन और फसल नदी में समा गई है. उनके लाखों रुपये के बनाए घर को भी नदी ने निगल लिया है. ऐसे में सरकार केवल ₹3,000 चेक देकर उनको अपमानित करने का काम कर रही है.

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ईटीवी भारत से ग्रामीणों ने अपना दर्द बयां किया करते हुए कहा कि सरकार मुआवजा देने के दावे तो कर रही है लेकिन उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है. जिसके चलते उनके आगे खाने-पीने तक का संकट खड़ा हो गया है.

Last Updated : Oct 25, 2021, 12:08 PM IST

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