देहरादून:उत्तराखंड में शिक्षा विभाग की तरफ से शासन को भेजे गए प्रस्ताव के क्रम में अब प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरे जाने की तैयारी की जा रही है. इस प्रस्ताव को विद्यालय शिक्षा की तरफ से करीब 2 महीने पहले शासन को भेजा गया था. इसके बाद शासन ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को अधियाचन भेज दिया है.
हालांकि, विभाग में 50 फीसदी पदों को पदोन्नति से भी भरा जाएगा, लेकिन बाकी 50 फीसदी पद सीधी भर्ती के जरिए भरे जाएंगे. शिक्षा विभाग की ओर से पिछले कुछ सालों में एलटी और प्रवक्ता के हजारों पदों को भरा जा चुका है. उधर, दूसरी तरफ इंटरमीडिएट कॉलेज में सालों से प्रधानाचार्य के करीब 1024 खाली पद हैं, जिन्हें भरने की कवायद शुरू कर दी गई है.
एक तरफ विद्यालय शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के बाद शासन प्रधानाचार्य के पदों को सीधी भर्ती के जरिए भरने जा रहा है तो वहीं पदोन्नति के जरिए पदों को फिलहाल नहीं भरा जा सकेगा. इसके पीछे की वजह शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद उच्च न्यायालय में विचाराधीन होना है. जिसके कारण इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सकता.
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खास बात ये है कि इसी स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने पिछले साल 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरने का फैसला कैबिनेट में लिया था. इस तरह 1024 पदों में से 692 पद अब सीधी भर्ती से भरे जाने के कारण फुलफिल हो पाएंगे. दूसरी तरफ राज्य में प्रधानाचार्य के स्वीकृत 1385 पदों में से 361 पद पर फिलहाल नियुक्ति दी गई है और 332 पदोन्नति के पद खाली हैं.
क्या बोले शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत? वहीं, मामले में उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि उत्तराखंड में प्रधानाचार्य के खाली पदों की स्थिति को देखते हुए सीधी भर्ती का फैसला लिया गया था. इस पर अब औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है.