रामनगरःप्रसिद्ध गर्जिया मंदिर में मंदिर समिति व स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर गंगा स्नान और श्रद्धालुओं के मंदिर में दर्शन करने पर रोक (Darshana banned in Garjiya temple) लगाई गई. समिति ने कोसी नदी का जलस्तर बढ़ा (Kosi river water level rises) होने व सुरक्षा के दृष्टिगत यह फैसला लिया. इस बीच सुबह से ही गर्जिया मंदिर के पास स्थित कोसी नदी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ स्नान के लिए जुटी रही. स्नान के लिए दूर दराज से भक्त पहुंचे. लेकिन प्रशासन ने भक्तों को स्नान व दर्शन की अनुमति नहीं दी.
कार्तिक पूर्णिमा पर कोसी नदी में स्नान नहीं कर पाए भक्त, जलस्तर बढ़ने पर मंदिर समिति का फैसला
कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से गर्जिया मंदिर समिति और स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं के नदी में स्नान करने पर पाबंदी लगा दी है. कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर भी भक्त नदी में स्नान नहीं कर पाए. दूसरी ओर चंद्र ग्रहण होने के कारण मंदिर के कपाट भी बंद रहे.
मंदिर में सुबह से ही मुरादाबाद, सहारनपुर, रामपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी, काशीपुर आदि जगहों से गर्जिया मंदिर में स्नान के लिए पहुंचे. वहीं, भक्तों में रोष भी देखा गया. भक्तों का कहना है कि चंद्र ग्रहण होने की वजह से मंदिर परिसर का बंद होना तो जायज है. लेकिन स्नान करने से रोका जाना गलत है. उन्होंने कहा कि यह हम दूरदराज से आने वाले लोगों की आस्था पर चोट है.
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वहीं, भाजपा नेता दिनेश मेहरा ने कहा कि यह बड़ा ही दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय स्थानीय प्रशासन व मंदिर समिति द्वारा लिया गया है. उन्होंने कहा कि मंदिर समिति द्वारा कहा जा रहा है कि आज चंद्रग्रहण है. चंद्रग्रहण में मंदिर बंद किया जाता, लेकिन स्नान की अनुमति देनी चाहिए. वहीं धर्म शास्त्री रमेश जोशी का कहना है कि यह निर्णय लेने से पूर्व मंदिर समिति को धर्म शास्त्रियों व आचार्यों से भी विचार विमर्श करना चाहिए था.