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गौलापार इलाके में बाघ का आतंक, वन विभाग से पिंजरा लगाने की गुहार

हल्द्वानी के गौलापार इलाके में ग्रामीण बाघ के आतंक के साए में जीने को मजबूर हैं. ग्रामीणों ने इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है.

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Published : Jan 30, 2021, 4:48 PM IST

हल्द्वानीः गौलापार इलाके में आतंक का पर्याय बन चुके बाघ को ग्रामीणों ने पकड़ने की मांग उठाई है. ग्रामीणों का कहना है कि बाघ के आतंक के चलते ग्रामीण दहशत के साए में जी रहे हैं और पूरी रात जागकर अपनी और अपने जानवरों की सुरक्षा कर रहे हैं. वे कहते हैं कि हाथियों के आतंक से लोग पहले से ही परेशान हैं अब बाघ का आतंक शुरू हो गया है. बाघ इलाके की दो महिलाओं पर हमला कर उन्हें घायल कर चुका है. वहीं, कुछ मवेशियों को निवाला बना चुका है.

बाघ के आतंक से त्रस्त ग्रामीण

बता दें कि इसी सप्ताह घास काटने गई दो महिलाओं पर बाघ ने हमला कर दिया था. दोनों महिलाएं गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. इसके अलाव काली नगर दानी बांगर इलाके में एक गाय और कई पालतू कुत्तों को भी बाघ निवाला बना चुका है. इलाके में बाघ के लगातार हमले से लोग दहशत में हैं. आज ग्रामीणों ने वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त जीवन चंद्र जोशी से मुलाकात की और बाघ को आदमखोर घोषित करने या पिंजरा लगाकर बाघ को रेस्क्यू करने की मांग की.

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स्थानीय जनप्रतिनिधि नीरज रैक्वाल के नेतृत्व में वन संरक्षक को ज्ञापन देते हुए ग्रामीणों ने तत्काल वन विभाग से आदमखोर बाघ से मुक्ति दिलाने की मांग की है. ग्रामीणों ने गुहार लगाई है कि इलाके के लोग वन्य जीवों के आतंक से डर के साए में जी रहे हैं. लिहाजा उन्हें तत्काल निजात दिलाई जाए.

इस पूरे मामले में पश्चिमी वृत्त के वन संरक्षक जीवन चंद्र जोशी का कहना है कि बाघ के आतंक के मद्देनजर इलाके में वन कर्मियों को तैनात किया गया है. इसके अलावा बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने के लिए मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक से अनुमति ली जा रही है.

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