रामनगर:उत्तराखंड को 6 पुलों की सौगात मिली है. आज लद्दाख पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देश के आंतरिक सुरक्षा को देखते हुए 75 पुल और सड़कों का वर्चुअल लोकार्पण किया. इस कार्यक्रम में रामनगर से सीएम तीरथ सिंह रावत ने भी वर्चुअल शिरकत की. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में इन पुलों के निर्माण होने से बाद कई लोगों को इसका लाभ मिलेगा. सीएम ने कहा कि दुर्गम क्षेत्रों में पुल-सड़क निर्माण सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है. इन 6 पुलों की लागत कुल 19 करोड़ 28 लाख है.
जिन 6 पुलों का लोकार्पण किया गया है उनमें-
जोशीमठ-मलार रोड पर रानी पुल, ऋषिकेश-धरासू रोड पर खादी पुल, जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर कुरकुटिया ब्रिज, जौलजीबी-मुनस्यारी रोड पर जुनालीगढ़ ब्रिज, तवाघाट-घाटियाबागढ़ रोड पर जुंटीगढ़ ब्रिज व मुनस्यारी-बगडियार-मिलन रोड पर लास्पा पुल शामिल हैं.
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सीएम तीरथ सिंह रावत ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में पुल निर्माण सामरिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है. बीआरओ ने दुर्गम क्षेत्रों में दिन-रात ठंड, बारिश और बर्फबारी में भी काम कर 6 पुलों का निर्माण किया. जो बहुत साहसिक और सराहनीय कार्य है. इन पुलों के निर्माण से क्षेत्रीय जनता के साथ ही सैन्य गतिविधियों को सुविधा मिलेगी. बता दें कि आज रामनगर में चिंतन शिविर में आए तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल तरीके से जुड़कर मीडिया से पुलों के बारे में जानकारी दी.
कार्यक्रम से वर्चुअली जुड़े सीएम. गौर हो कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं. यात्रा के पहले दिन राजनाथ सिंह ने लद्दाख में सीमा सड़क संगठन द्वारा निर्मित 63 बुनियादी परियोजनाओं का उद्घाटन किया है. ये परियोजनाएं सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organization) द्वारा निर्मित हैं. उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड, मिजोरम, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में 63 पुलों के वर्चुअल उद्घाटन किया गया.
कार्यक्रम में सीएम तीरथ सिंह रावत ने वर्चुअल शिरकत की. BRO की कड़ी मेहनत
बता दें कि सीमा सड़क संगठन ने चार माह से अधिक समय तक शून्य डिग्री से भी कम तापमान में काम करने के बाद मुनस्यारी-बगडियार-मिलन रोड पर 3300 मीटर ऊंचाई पर लास्पा पुल का निर्माण किया है. लास्पा में 1 करोड़ 20 लाख की लागत से बने 140 फीट डबल रीइंसफोर्स्ड पुल के निर्माण के लिए MI-17 हेलीकाप्टर से यहां सामग्री पहुंचाई गयी थी. यह सड़क देश के उत्तर पश्चिम में मुनस्यारी बुगडियार व मिलम को जोड़ते हुए चीन सीमा तक जाती है. चार महीने में पुल का निर्माण किया गया जिसमें 300 श्रमिकों की मेहनत लगी.
इन पुलों के बनने से सीमांत क्षेत्र की आबादी को भी काफी फायदा पहुंचेगा. वहां आवागमन सुगम हो सकेगा साथ ही आदि कैलाश, ओम पर्वत व मानसरोवर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं को भी लाभ मिलेगा.