हल्द्वानी: हौसले बुलंद हो तो सफलता खुद चलकर पास आती है. इसका उदाहरण है कालाढूंगी के रहने वाले दीपक नेगी. जिन्होंने विदेशों मैं मास्टर्स गेम्स में 23 पदक जीतकर न सिर्फ अपने शहर का बल्कि देश का नाम रोशन किया है. देश के लिए 13 गोल्ड मेडल जीतकर लाने वाले दीपक को कालाढूंगी की जनता ने गोल्डन मैन की उपाधि से नवाजा है. लेकिन दीपक का कहना है कि सरकार खेलों को लेकर जागरूक नहीं है.
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दीपक नेगी प्राइवेट नौकरी करते हैं. वो गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अकाउंट मैनेजर के पद पर हैं. दीपक बताते हैं कि दिन- रात मेहनत करने के बाद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है. उन्होंने बताया कि उनकी शिक्षा भी कस्बे कालाढूंगी से हुई है और उन्होंने खेलकूद की प्रैक्टिस भी गली कूचों से ही की. दीपक अब तक देश के नाम 8 गोल्ड मेडल ला चुके हैं साथ ही एक कास्य पदक भी जीत चुके हैं.
बता दें कि दीपक ने कालाढूंगी के एक साधारण परिवार में जन्म लिया और प्रारम्भिक शिक्षा कालाढूंगी से लेकर आगे की पढ़ाई डी एस बी परिसर नैनीताल से की. जिसके बाद उन्होंने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अकाउंट मैनेजर के पद पर काम किया. दीपक ने खेलकूद की प्रैक्टिस भी गली कूचों से ही की. दीपक अब तक देश के नाम 13 गोल्ड मेडल कर चुके हैं.
दीपक नेगी ने बताया कि उन्होंने 6 देशों में जाकर पदक जीते हैं, जिसके चलते उन्हें कालाढूंगी की जनता ने कालाढूंगी के गोल्डन मैन के नाम से नवाजा है, लेकिन सरकार खेलों को लेकर जागरूक नहीं है. उनका कहना है कि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कमी नहीं है पर यहां की प्रतिभाओं को निखारने की जरूरत है.