रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों और गुलदारों की जिंदगी पर भी इन दिनों वायरस का खतरा मंडरा रहा है. यह खतरा यहां के कुत्तों में पाए जाने वाले कैनाइन डिस्टेंपर नामक वायरस के कारण पैदा हो रहा है. इस वायरस से निपटने के लिए कॉर्बेट प्रशासन जंगलों के किनारे घूमने वाले आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन कर रहा है.
दरअसल, कैनाइन डिस्टेंपर वायरस आवारा और पालतू दोनों कुत्तों में पाया जाता है. ये कुत्ते कॉर्बेट जंगल की सीमा से सटे गांवों में घूमते फिरते रहते हैं और कई बार बाघ और गुलदार का शिकार बन जाते हैं. जिससे इन में पाए जाने वाला कैनाइन डिस्टेंपर वायरस बाघ और गुलदार के शरीर में प्रवेश कर जाता है. जिसके कारण इनकी मौत हो जाती है.
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर दीप रजवार का कहना है कि मॉनसून में कुत्तों में कैनाइन डिस्टेंपर वायरस के एक्टिवेट होने का खतरा बना रहता है. ऐसे में कॉर्बेट प्रशासन को कोशिश करनी चाहिए कि जो बफर एरिया है जैसे आमदण्डा खट्टा, रिंगोड़ा, टेड़ा इन गांवों के पास घूम रहे आवारा कुत्तों का वैक्सीनेशन करे, जिससे गुलदारों और बाघों में ये वायरस संक्रमित न हो.