नैनीताल नगर पालिका ने HC को किया गुमराह! नैनीतालः शहर में तेजी से बढ़ रहे आवारा कुत्तों का आंकड़ा वाला शपथ पत्र देने के मामले में नगर पालिका नैनीताल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. पशु प्रेमी गौरी मौलखी ने एबीसी सेंटर का निरीक्षण करते हुए शपथ पत्र के आंकड़ों में गड़बड़ी जाहिर की है. साथ ही सेंटर में कई अनियमितताएं मिलने का उल्लेख किया है. उत्तराखंड हाईकोर्ट के निर्देश पर गौरी मौलखी अब कोर्ट कमिश्नर के तौर पर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी.
दरअसल, मंगलवार को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल शहर में बढ़ते आवारा कुत्तों के आतंक से निजात दिलाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पशु प्रेमी गौरी मौलखी को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए शहर में कुत्तों की स्थिति की रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए. इस पर गौरी मौलखी ने बुधवार को एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी सेंटर) का निरीक्षण किया. जहां गौरी मौलखी को सेंटर में कई अनियमितताएं मिली.
मौलखी ने बताया पालिका ने कोर्ट में झूठा शपथ पत्र दिया: ज्यादा जानकारी देते हुए गौरी मौलखी ने बताया नगर पालिका ने हाईकोर्ट में एबीसी सेंटर में 25 कुत्ते होने का शपथ पत्र पेश किया है, जबकि निरीक्षण के दौरान उन्हें मात्र 12 कुत्ते मिले हैं. ऐसे में नगर पालिका ने कोर्ट को झूठा शपथ पत्र देकर भ्रमित किया है. गौरी ने नगर पालिका पर आरोप लगाया कि पालिका के अधिकारियों के द्वारा सेंटर में कुत्तों के रहने और साफ-सफाई की उचित व्यवस्था तक नहीं की गई है. जिन कुत्तों को नगर पालिका, हाईकोर्ट में खूंखार बता रही है, उन कुत्तों का स्वभाव बेहद शांत है.
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मौलखी ने जताई कुत्तों को मारने की संभावना: गौरी मौलखी ने पालिका पर आरोप लगाया कि जिन कुत्तों का ब्योरा नगर पालिका ने कोर्ट में पेश किया, उनमें से संभावना है कि 13 कुत्तों को नगर पालिका प्रशासन द्वारा मार दिया गया है. क्योंकि निरीक्षण के दौरान पालिका का कोई भी अधिकारी मौके पर मौजूद नहीं था और ना ही कुत्तों की संख्या पर कोई स्थिति स्पष्ट कर सका. गौरी ने बताया मानकों के आधार जिन कुत्तों को एबीसी सेंटर में रखा जाता है, उनकी देखभाल के लिए वेटरनरी डॉक्टर नियुक्त करना अनिवार्य है. साथ ही कुत्तों के गले में टैग संख्या और उनके बर्ताव में सुधार होने पर उन्हें छोड़ देने का प्रावधान है लेकिन नगर पालिका ने अब तक ऐसा नहीं किया, जो नियमों का उल्लंघन है.