हल्द्वानी: सूबे में बीजेपी सरकार भले ही जीरो टॉलरेंस की बात कर रही हो, लेकिन सच्चाई स्थिति से बिल्कुल परे है. आरटीआई के खुलासे में पता लगा है कि हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा में प्रधान और अधिकारियों की मिलीभगत से गरीबों के नाम पर मिलने वाली योजनाओं में घपला किया जा रहा है. गरीबों को मिलने वाली कई योजनाओं का कागजों में कई वर्ष पहले ही निर्माण हो चुका है, लेकिन गरीबों को अब तक इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया है.
मामला हल्द्वानी के ग्राम पंचायत जयपुर खीमा का है, जहां कई योजनाओं के नाम पर ग्राम प्रधान और अधिकारियों ने मिलकर आवंटित धनराशि का बंदरबांट किया. सूचना के अधिकार अधिनियम से हुए खुलासे के बाद प्रधान ने इस मामले को गलती का हवाला देते हुए निर्माण कार्य शुरू करवा दिया.
जयपुर खीमा निवासी ग्रामीण कृष्णानंद पढालनी ने विकासखंड हल्द्वानी से सूचना मांगकर 14 वित्त और चतुर्थ राज्य वित्त आयोग से रिपोर्ट मांगी. जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. आरटीआई से हुए खुलासे से पता लगा कि गिरीश चंद्र बिरखानी ने कागजों में 2017-18 में राज्य वित्त से पुलिया का निर्माण कराया, लेकिन धरातल पर पुलिया का निर्माण नहीं किया गया है.