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Published : May 25, 2021, 8:34 PM IST

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हल्द्वानी में कम हुई कोरोना की रफ्तार, ब्लैक फंगस ने बढ़ाई चिंता

उत्तराखंड में कोरोना की रफ्तार धीरे-धीरे कम होती जा रही है. लेकिन ब्लैक फंगस ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है.

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हल्द्वानी: कुमाऊं के सबसे बड़े सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में कोरोना मरीजों का रिकवरी रेट बढ़ा है, जिससे डॉक्टरों ने राहत की सांस ली है. वहीं ब्लैक फंगस ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं. मंगलवार को सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं.

अस्पताल के एमएस डॉ अरुण जोशी ने बताया कि सुशीला तिवारी अस्पताल से बड़ी संख्या में कोरोना मरीज स्वस्थ हो रहे हैं. मंगलवार को जहां 12 मरीज स्वस्थ हुए, वहीं तीन मरीजों ने दम तोड़ा. अस्पताल में अभी भी 241 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है, जिसमें से जिसमें 90 की हालत गंभीर बनी हुई है. जबकि 92 की स्थिति चिंताजनक है.

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सुशीला तिवारी अस्पताल में 190 ऑक्सीजन बेड खाली हैं. अस्पताल में भर्ती एक ब्लैक फंगस मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है, जबकि मंगलवार को दो ब्लैक फंगस के संदिग्ध मामले आए हैं, जिसमें एक उधम सिंह नगर और एक नैनीताल जनपद का है, जिनकी जांच की जा रही है.

ऊंचापुल क्षेत्र में वैक्सीनेशन शुरू

मंगलवार को हल्द्वानी के ऊंचापुल इलाके में भी वैक्सीनेशन सेंटर शुरू किया गया. सूबे के कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 45 वर्ष से ऊपर के लोगों को हाथों हाथ रजिस्ट्रेशन करा के वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं 18 से 44 वर्ष के लोगों को 1 दिन पहले कोविन एप पर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना है. प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है.

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बेजुबानों के लिए चारे-पानी का इंतजाम

कोरोना कर्फ्यू के कारण पूरा शहर बंद है. ऐसे में सड़क पर घूमने वाले आवारा जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है, जिसको देखते हुए हल्द्वानी की समाज श्रेष्ठ समाज संस्था जानवरों के चारा पानी के व्यवस्था लिए सामने आई है. संस्था के अध्यक्ष योगेंद्र साहू ने बताया कि लॉकडाउन के चलते शहर की जानवरों को खाना नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में संस्था ने भूखे-प्यासे जानवरों का बीड़ा उठाया है.

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