हल्द्वानी: कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य महकमा गंभीर है. कोविड-19 संक्रमित मरीजों के बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण को लेकर काफी सतर्कता बरती जा रही है. कोविड-19 का कचरा काफी खतरनाक माना जाता है, ऐसे में हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल से निकलने वाला बायो मेडिकल वेस्ट को ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से निस्तारण करने का काम किया जा रहा है.
बायोमेडिकल वेस्ट किया गया निस्तारण. गौर हो कि सुशीला तिवारी अस्पताल द्वारा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को दी गई रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक अस्पताल प्रशासन ने कोविड-19 के मरीजों से निकले 9522 किलो बायो मेडिकल वेस्ट का ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से निस्तारण किया है. कुमाऊं मंडल के अस्पतालों से कोविड-19 के मरीजों से निकलने वाले बायो वेस्ट की निगरानी क्षेत्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा की जा रही है.
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ऐसे में कुमाऊं मंडल के अस्पतालों द्वारा रोजाना कोविड-19 के मरीज से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट की रिपोर्ट प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के पास उपलब्ध कराना अनिवार्य है. सुशीला तिवारी अस्पताल में सबसे ज्यादा कोविड-19 के मरीज भर्ती हैं. सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन द्वारा प्रदूषण कंट्रोल नियंत्रण बोर्ड को उपलब्ध कराए गए आकड़े के मुताबिक मार्च में 2735 किलो, अप्रैल में 1075 किलो, मई में 1256 किलो जबकि जून में 3206 किलो साथ ही 7 जुलाई तक 1250 किलो बायो मेडिकल वेस्ट का निस्तारण किया गया है.
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क्षेत्रिय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के प्रबंधक आरके चतुर्वेदी के मुताबिक कुमाऊं मंडल के 5 जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और सुशीला तिवारी अस्पताल प्रशासन द्वारा रोजाना बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण की रिपोर्ट दी जाती है. सबसे ज्यादा सुशीला तिवारी अस्पताल से बायोमेडिकल वेस्ट की निकासी होती है. जहां सेंट्रल बायो मेडिकल ट्रीटमेंट प्लांट के माध्यम से निस्तारण किया जाता है. रोजाना निकलने वाले मेडिकल वेस्ट की रिपोर्ट देहरादून मुख्यालय भेजी जाती है, जिसके बाद केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा अग्रिम कार्रवाई की जाती है.