रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने सुरक्षा में बलिदान देने वाले वन कर्मियों को शहीद का दर्जा दिया है. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क में वन्य जीवों की सुरक्षा में बलिदान देने वाले वन कर्मियों के बारे में भी अब सैलानी भी जान सकेंगे. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क प्रशासन ने र्वोच्च बलिदान देने वाले वन कर्मियों का शिलापट्ट लगाया है.
गौर हो कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के गेट पर शिलापट लगाया गया है. जिसमें वनकर्मी पार्क की सुरक्षा में बाघ, गुलदार या हाथी या अन्य के हमले में कब मारे गए यह दर्शाया गया है. बलिदान देने वाले 12 वन कर्मियों की सूची विभाग द्वारा ढिकाला के पर्यटन गेट धनगढ़ी में लगाया गया है ताकि इनके बलिदान से सैलानी भी रूबरू हो सकें.
12 वनकर्मियों को मिला शहीद का दर्जा. बता दें कि 1982 से 2019 तक 12 वन कर्मियों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की सेवा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. जिसमें चाराकटर कुक्कू हवाल, वन आरक्षी मुस्सदी सिंह चौहान, राजेश नेगी, उपराजिक विपिन चंद्र पांडे, दैनिक श्रमिक दीवानी राम, राकेश कुमार, कृष्ण पाल सिंह, हरीराम, वीर सिंह, पृथ्वीपाल सिंह, सोहन सिंह, विशन राम के नाम शामिल हैं.
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अभीतक 12 वनकर्मियों ने कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क की सुरक्षा में अपनी जान गंवाई है. जिनके शौर्य और साहस का परिचय अब बाहर से आने वाले पर्यटक भी धनगढ़ी के मुख्य गेट पर जान सकेंगे. वहीं, इस विषय में ज्यादा जानकारी देते हुए कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने बताया कि कॉर्बेट पार्क बाघ बाहुल्य क्षेत्र है और यहां पर बाघों के साथ ही अन्य प्रकार के वन्यजीव भी पाए जाते हैं.
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उन्होंने कहा कि कॉर्बेट पार्क में इन वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर हमारे कॉर्बेट के स्टाफ, परमानेंट स्टाफ, हमारे दैनिक श्रमिक, वन आरक्षी, ऑपरेशन मॉनसून का स्टाफ, ऑपरेशन लॉट का स्टाफ लगातार वाहनों के साथ ही पैदल गश्त भी करते हैं. साथ ही फायर सीजन में यह कर्मी आग बुझाने का काम भी करते हैं. निदेशक राहुल कुमार ने कहा कि ये 12 लोग वो हैं, जिन्होंने अपना कॉर्बेट पार्क के वन्यजीवों की सुरक्षा में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है. उन्होंने कहा कि इसी को ध्यान में रखते हुए कॉर्बेट पार्क के धनगढ़ी गेट पर शहीद स्मारक भी बनाया है.