हल्द्वानी: वन अनुसंधान केंद्र, हल्द्वानी अपनी कई उपलब्धियों के लिए जाना जाता है. जैव विविधता के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क है. वन अनुसंधान केंद्र ने जैव विविधता को बचाने के लिए अनुसंधान केंद्र में ही कछुआ, बतख, मधुमक्खी और पक्षियों के संरक्षण की व्यवस्था की है. इससे लोग जैव विविधता के साथ पक्षियों का भी दीदार कर इनकी विशेषता जान सकेंगे.
वन अनुसंधान केंद्र के बायोडायवर्सिटी पार्क में पर्यावरण का संतुलन - Forest Research Center haldwani news
हल्द्वानी के वन अनुसंधान केंद्र में कछुआ, बतख, मधुमक्खी और पक्षियों के संरक्षण की व्यवस्था की गई है. वन अनुसंधान केंद्र में तितलियों के प्रवास के लिए तितली पार्क भी तैयार किया जा रहा है.
![वन अनुसंधान केंद्र के बायोडायवर्सिटी पार्क में पर्यावरण का संतुलन Forest Research Center haldwani](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9566519-thumbnail-3x2-image.jpg)
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उन्होंने यह भी बताया कि तितलियों के प्रवास के लिए यहां पर तितली पार्क तैयार किया जा रहा है, जिससे कि और सुधार केंद्र में उत्पादित होने वाले फूल-पौधों से तितलियां अपना प्रवास बना सकें. गौरतलब है कि वन अनुसंधान केंद्र में झाड़ी और वृक्ष की 130 प्रजातियां हैं. जबकि औषधीय गुणों से युक्त 40 प्रजाति कैक्टस की, बांस की 25 प्रजाति हैं. जलीय वनस्पति की 25 प्रजाति का यहां संरक्षण संरक्षण किया जा रहा है. इसके अलावा कई धार्मिक और ऐतिहासिक पेड़ पौधों का भी यहां संरक्षण किया जा रहा है.