हल्द्वानी: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 को कुमाऊं दौरे पर आ रहे हैं. प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. ऐसे में विपक्ष ने पीएम मोदी के दौरे पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि प्रधानमंत्री को उत्तराखंड के दौरे के बजाय मणिपुर की दौरे की जरूरत है. उन्होंने प्रधानमंत्री को प्रचार मंत्री कहते हुए कहा कि जिस समय मणिपुर में महिलाओं का अपमान हो रहा था, उस समय प्रधानमंत्री वहां क्यों नहीं गए.
पीएम मोदी के दौरे पर विपक्ष ने उठाए सवाल, सरकारी धन के दुरुपयोग का लगाया आरोप - Congress State President Karan Mahara
PM Modi Uttarakhand Tour पीएम नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. वहीं कांग्रेस पीएम मोदी के उत्तराखंड दौरे पर निशाना साध रही है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने पीएम मोदी को प्रचार मंत्री कहकर गंभीर आरोप लगाए.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 10, 2023, 10:01 AM IST
|Updated : Oct 10, 2023, 10:23 AM IST
करन माहरा ने लगाए आरोप:इस समय मणिपुर हिंसा से जल रहा है, प्रधानमंत्री को वहां जाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी उत्तराखंड आ रहे हैं लेकिन उत्तराखंड को फिर से कोई घाव न दें जाए. उन्होंने कहा कि जिस समय वह केदारनाथ आए थे, उस समय केदारनाथ बाबा के गर्भगृह में जाकर फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कर नियम को तोड़ा गया.वहां से 230 किलो सोना चोरी हो गया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले में कुछ भी नहीं बोले.उत्तराखंड के चर्चित अंकित मर्डर केस का प्रधानमंत्री ने आज तक जिक्र तक नहीं किया. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी इस बार आकर उत्तराखंड के लोगों की भावनाओं के साथ खेलने का प्रयास ना करें.
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यशपाल आर्य ने सवाल किए खड़े:वहीं प्रधानमंत्री मोदी के दौरे पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने भी ने भी सवाल खड़े किए हैं. नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री दौरे पर सरकारी धन और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों आई आपदा से पहाड़ से लेकर मैदान तक किसान परेशान हैं, अभी तक किसानों को मुआवजा तक नहीं मिला है. आपदा से हुई क्षतिग्रस्त सड़कें आज तक ठीक नहीं हो पाई. प्रधानमंत्री को सबसे पहले सीमांत जनपदों के रास्ते को ठीक करने की जरूरत है. सीमांत जनपदों में लोगों को जाने के लिए रास्ता तक नहीं है. पहाड़ों के अधिकतर रास्ते ध्वस्त हो चुके हैं, जिसके चलते आए दिन हादसे और मौतें हो रही हैं, लेकिन सरकार इसकी सुध नहीं ले रही है. प्रधानमंत्री के स्वागत में सरकारी धन और सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है, जो उत्तराखंड के लिए अच्छा संकेत नहीं है.