हल्द्वानी:प्रदेश में पंचायत चुनाव का शंखनाद हो चुका है. अधिसूचना जारी हुए तीन दिन बीत चुके हैं. लेकिन हल्द्वानी में राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता की खुलेआम धज्जियां उड़ा रही हैं. वहीं प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ है.
आचार संहिता का हो रहा उल्लंघन. प्रदेश में पंचायत चुनाव की तारीखें घोषित कर दी गई हैं. बावजूद इसके राजनीतिक पार्टियां आचार संहिता का उल्लंघन कर रही हैं. पार्टियों के होर्डिंग और पोस्टर जगह-जगह टंगे हुए हैं. लेकिन जिला प्रशासन अभी तक इन होर्डिंग और बैनरों को हटाने की जहमत नहीं उठा पाया है.
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खंड विकास अधिकारी निर्मला जोशी का कहना है कि अभी चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई है. इसके लिए लोगों की तैनाती की जा रही है. जहां भी पोस्टर और बैनर के जरिए आचार संहिता का उल्लंघन पाया जाएगा, उसे तुरंत हटा दिया जाएगा. वहीं उन्होंने कहा कि अगर दोबारा आचार संहिता का उल्लंघन किया गया तो प्रत्याशी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
जानें क्या होती है आचार संहिता
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ नियम बनाता है. चुनाव आयोग के इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं. चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है.
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही लागू हो जाती है. वहीं आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया के संपन्न होने तक लागू रहती है. चुनाव की तारीख की घोषणा के साथ ही आचार संहिता देश में लगती है और वोटों की गिनती होने तक जारी रहती है.
आचार संहिता के नियम
- आचार संहिता के नियम चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद कई नियम भी लागू हो जाते हैं. इनकी अवहेलना कोई भी राजनीतिक दल या राजनेता नहीं कर सकता.
- सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा.
- सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा.
- किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि नहीं होगा.
- किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी.
- किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे जाएंगे.