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दलित कार्यकर्ता के घर सीएम ने खाई रोटी-लौकी और खीर, जमीन पर बैठ यूं लिया स्वाद - CM Pushkar Singh Dhami had lunch at Dalit worker house in Haldwani

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दल वोटरों को रिझाने में पुरजोर जुटे हैं. प्रदेश में 16 प्रतिशत से अधिक दलित वोटर हैं. ऐसे में दलित पॉलिटिक्स भी देखने को मिल रही है. हरीश रावत पहले ही दलित मुख्यमंत्री बनाने की बात कह चुके हैं. अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दलित कार्यकर्ता के घर जाकर भोजन किया और पार्टी की साख को मजबूत करने का काम किया.

pushkar singh dhami
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

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Published : Nov 10, 2021, 6:35 PM IST

Updated : Nov 10, 2021, 8:01 PM IST

हल्द्वानीःमुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद सीधे राजपुरा स्थित दलित परिवार के घर पहुंचे, जहां उन्होंने पार्टी के दलित कार्यकर्ता नंदकिशोर के घर पर भोजन किया. इस दौरान सीएम धामी ने लौकी की सब्जी, रोटी, चावल और मीठे में खीर का स्वाद लिया.

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election) नजदीक है. जल्द ही आचार संहिता भी लग जाएगी. ऐसे में इससे पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दलित पॉलिटिक्स करते नजर आए. क्योंकि, लंबे समय से दलित समाज का एक वर्ग बीजेपी से नाराज है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने दलित कार्यकर्ता के आवास पर भोजन कर दलित समाज के बीच पार्टी की साख को मजबूत करने का काम किया.

दलित कार्यकर्ता के घर CM धामी ने किया लंच.

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बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत (Harish Rawat) भी दलित कार्डखेल चुके हैं. हरीश रावत ने कहा था कि वो उत्तराखंड में किसी दलित नेता को मुख्यमंत्री (Dalit Chief Minister) के रूप में देखना चाहते हैं. कांग्रेस के महासचिव और पंजाब में प्रभारी रहे रावत ने यह बयान उस समय दिया, जब पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने एक दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया.

CM का स्वागत करती महिलाएं.

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हरदा ने कहा था कि उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री पद पर कोई दलित नेता पहुंच सके, अपने राजनीतिक जीवन में अब उनका ये सपना पूरा होना बाकी है. हालांकि, कुछ दिनों पहले जब हरीश रावत केदारनाथपहुंचे तो उन्होंने बाबा केदार से अपनी जीत का आशीर्वाद लिया, जिसके बाद उनके दलित मुख्यमंत्री के बयान पर बीजेपी ने सवाल भी उठाए थे.

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उत्तराखंड में 16 फीसदी हैं दलित वोटर:उत्तराखंड में 16 प्रतिशत से अधिक दलित वोटर हैं. राज्य की 12 सीटें इस वर्ग के लिए आरक्षित भी हैं. कुल 22 सीटों पर दलित वोटर हार-जीत में अहम भूमिका निभाते हैं. इसलिए सूबे में दलित वोटरों को साधने के लिए तरह-तरह के पैंतरे आजमाए जा रहे हैं.

Last Updated : Nov 10, 2021, 8:01 PM IST

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