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नैनीताल: DFO किशन चंद निलंबन मामला, अब CAT करेगा सुनवाई

सरकार की ओर से कहा गया कि डीएफओ किशन चंद पर गंभीर आरोप हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में डीएफओ के पद पर रहते हुए उनके कार्यकाल में मोरघट्टी व पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अतिक्रमण के आरोप हैं. सरकार की ओर से याचिका की पोषणीयता पर भी सवाल उठाये गये हैं.

Nainital high court news
DFO किशन चंद निलंबन मामला.

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Published : Jun 22, 2022, 5:12 PM IST

नैनीताल:उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज अतिक्रमण के आरोप में निलंबित डीएफओ किशन चंद के मामले पर सुनवाई की. इस मामले को सुनने के बाद कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ ने मामले को सुनवाई हेतु कैट (central administrative tribunal) को भेज दिया है. वहीं, आज याचिकाकर्ता की ओर से सरकार के निलंबन आदेश को खंडपीठ में चुनौती दी गई. याचिकाकर्ता की ओर से निलंबन आदेश को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा गया कि उन पर लगाये गये आरोप गलत हैं.

वहीं, सरकार की ओर से कहा गया कि डीएफओ किशन चंद पर गंभीर आरोप हैं. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ वन प्रभाग में डीएफओ के पद पर रहते हुए उनके कार्यकाल में मोरघट्टी व पाखरो रेंज में पेड़ों के अवैध कटान व अतिक्रमण के आरोप हैं. सरकार की ओर से याचिका की पोषणीयता पर भी सवाल उठाये गये हैं. इसके बाद अदालत ने मामले को सुनवाई के लिये कैट भेज दिया है. अदालत ने कैट को भी गुण दोष के आधार पर सुनवाई करने के निर्देश दिये हैं.

पढ़ें-IFS अधिकारी किशन चंद की बढ़ी मुश्किलें, मामले की जांच करेगी सीएजी

क्या था मामला: उत्तराखंड वन विभाग में बीते दिनों कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कालागढ़ और लैंसडाउन प्रभागों में कथित तौर पर भारी अनियमितताएं पाई गई थी. जिसके बाद विभाग ने इसकी जांच करवाई तो पाया गया कि किशनचंद सहित कुछ और कर्मचारी सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. विभागीय जांच में यह भी सामने आया था कि जो पैसा विभाग में अन्य कार्यों के लिए सरकार से स्वीकृत हुआ था उन पैसों को किशन चंद सहित कुछ कर्मचारियों ने सही मद में नहीं लगाया.

इस पैसे से फ्रिज, एसी और दूसरे ऐशोआराम के संसाधन खरीदे गये. यह रकम लगभग 1.43 करोड़ रुपए थी. जब इस मामले का जवाब किशनचंद से मांगा गया और पत्राचार हुआ तो बताया जाता है कि विभाग को वह सही से जानकारी नहीं दे पाए. जिसके बाद वन विभाग ने इस पूरे मामले की जांच करवाई. तब इसमें भारी अनियमितताएं मिलने के बाद डीएफओ किशन चंद को सरकार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दिया था.

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