रामनगर: ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन (All India Tiger Estimation work in Corbett Tiger Reserve) के तहत बाघों की गणना का कार्य प्रगति पर है. भारतीय वन्यजीव संस्थान के निर्देशन में बाघों की गणना (Counting of tigers in Corbett Tiger Reserve) का कार्य किया जा रहा है. बाघों के होने के चयनित स्थानों पर कैमरा ट्रैप कर इसके लिए डाटा एकत्रित किया जाता है. जिसके बाद आंकड़ों के आधार पर गिनती की जाती है. आंकड़ा एकत्रित करने के बाद भारतीय वन्यजीव संस्थान (Tiger data will be sent to Wildlife Institute of India) को भेजा जाता है.
बता दें हर 4 साल में होने वाली ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन के तहत बाघों की गणना का कार्य कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में इन दिनों चल रहा है. यह कार्य अलग-अलग तीन फेजों में किया जाता है. जिसको लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी, कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के द्वारा मिलकर बाघों की गणना का कार्य किया जा रहा है.
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बता दें फेज वन में ट्रांजिट लाइन डालकर बाघों की प्रेजेंस को देखा जाता है. फेस-2 में सैटेलाइट के माध्यम से बाघों की प्रेजेंस को देखा जाता है. फेस-3 के तहत कैमरा ट्रैप के माध्यम से बाघों की उपस्थिति देखी जाती है. एनालिसिस टीम में शामिल प्रेमा तिवारी ने बताया कि एक्सट्रैक्ट सॉफ्टवेयर के जरिए बाघों का एनालिसिस किया जाता है. जिसमें कैमरा ट्रैप द्वारा ली गई सारी पिक्चरों को कलेक्ट किया जाता है.
उन सारी पिक्चरर्स को अलग कर केवल बाघों की इमेज ली जाती है. बाघों की इमेज को इंडिविजुअल आईडी प्रोवाइड करवाई जाती है. सॉफ्टवेयर के थ्रू जितनी फोटो आपस में मैच होती हैं, उन्हें एक परमानेंट आईडी प्रोवाइड करवाई जाती है. इस काम को एक ही आदमी करता है. डाटा को क्रॉस चेक करने के लिए प्रिंट आउट निकाले जाते हैं. प्रिंट आउट निकालने पर हर एक टाइगर की एक इंडिविजुअल फोटो निकालते हैं. जिसको दूसरे टाइगर के साथ मैच कराया जाता है. इस प्रोसेस को दो या तीन लोग करते हैं. जिसमें डेटा वेरिफाई हो जाता है. जिसके बाद फाइनल डेटा आ जाता है.
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बता दें पहली बार ये काम 2006 में शुरू किया गया था. 2006 के बाद 2010, 2014, 2018 में इसे किया गया. अब 2021-22 में यह कार्य किया जा रहा है. जिसके नतीजे जुलाई में आने की संभावना है. 2018 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में 231 बाघ मौजूद थे. देश में कुल 50 टाइगर रिजर्व में ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन का कार्य चल रहा है. उसी को लेकर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में भी बाघों की गणना के साथ ही इनकी एनालिसिस का कार्य किया जा रहा है.