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हाल-ए-स्वास्थः सीबी नेट मशीन नहीं होने से टीबी के मरीज परेशान, जांच रिपोर्ट के लिए भी लंबा इंतजार

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Published : Jun 14, 2019, 10:23 AM IST

रामनगर में सीबी नेट मशीन नहीं होने से टीबी के रोगियों का समय से इजाल नहीं हो पा रहा है. जांच रिपोर्ट के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

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रामनगर: नैनीताल जिले के रामनगर में सीबी नेट मशीन नहीं होने से टीबी के रोगियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सीबी नेट मशीन रामनगर में उपलब्ध न होने के कारण बलगम की जांच को हल्द्वानी भेजा जाता है. कुमाऊं में एक मशीन होने के कारण रिपोर्ट आने में एक सप्ताह का समय लग जाता है.

टीबी के मरीज परेशान

रामनगर का संयुक्त चिकित्सालय भले ही 100 बेड का हो, लेकिन यहां पर अभी भी सुविधाओं का अभाव है. कुमाऊं गढ़वाल का प्रवेश द्वार होने के नाते पर्वतीय क्षेत्रों से भी मरीज यहां उपचार के लिए आते हैं. यहां हेल्थ विभाग द्वारा टीबी के मरीजों के लिए डॉट कार्यक्रम चलाया जा रहा है, जिससे रामनगर और पर्वतीय क्षेत्रों के टीबी के मरीज इलाज के लिए यहां आते हैं.

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लेकिन यहां आने वाले टीबी के मरीजों की जांच के लिए बलगम को हल्द्वानी बेस अस्पताल भेजा जाता है. यहां सीबी नेट मशीन के माध्यम से टीबी के लक्षणों की जांच की जाती है. जांच की रिपोर्ट आने में लगभग एक सप्ताह का समय लगता है. ऐसे में मरीजों को समय से इलाज नहीं मिल पाता है.

हालांकि, टीबी की जांच रामनगर अस्पताल में की जाती है, पर यह जांच पूरी तरह से विश्वसनीय नहीं होती. फिर भी इसी जांच के सहारे डॉक्टर टीबी के मरीजों का इलाज करते हैं. दिक्कत तब आती है, जब सीबी नेट की रिपोर्ट में टीबी की पुष्टि नहीं होती. उस समय मरीजों को काफी दिक्कतों से गुजरना पड़ता है. ऐसे में टीबी की दवाई को रोकना मरीजों के लिए जानलेवा भी हो सकता है.

टीबी विशेषज्ञों का कहना है कि सीबी नेट मशीन बहुत महंगी होती है. यह मशीन पूरे उत्तराखंड में कुमाऊं और गढ़वाल में दो ही हैं. रामनगर में यह मशीन उपलब्ध कराने के लिए उत्तराखंड सरकार के स्तर की बात है. जिस कारण यहां इस मशीन का लगना असंभव सा ही लगता है.

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