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गर्जिया मंदिर की सिर्फ चिंता है, बजट नहीं! 10 सालों से अधर में लटका पुनरुद्धार - 10 सालों से अधर में लटका टीले का पुनरुद्धार

गर्जिया मंदिर के टीले की दरारों को सालों बाद भी नहीं भरा गया है, न ही इसे लेकर अब तक कोई कदम उठाया गया है. जिसके कारण बरसात के समय ये गर्जिया मंदिर के लिए खतरा बना हुआ है.

case of the revival of the Garjiya temple mound hanging in the balance for 10 years
10 सालों से अधर में लटका गर्जिया मंदिर के टीले के पुनरुद्धार का मामला

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Published : Jul 10, 2022, 3:56 PM IST

रामनगर: गर्जिया मंदिर के टीले में आई दरारों को भरने और इसके पुनर्निर्माण का मामला अधर में लटक गया है. 10 सालों से अभी तक इस पर कोई काम नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि आगामी 13 जुलाई को राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक में अनुमोदन के बाद ही टीले के बजट को शासन को भेजा जाएगा. मंदिर के मुख्य पुजारियों ने कहा बरसात में मंदिर के टीले को खतरा बना हुआ है. उन्होंने कहा सरकार के इसके लिए धरातल पर काम करना चाहिए.

गर्जिया मंदिर की टीले में बाढ़ से आई दरार का सरकार ने संज्ञान लिया था. उस वक्त पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने फरवरी 2021 में टीले का कार्य कराने की बात कही थी. लेकिन अभी तक इस ओर कोई काम नहीं किया गया है. 2010 में आई बाढ़ से गर्जिया मंदिर के टीले में हल्की दरार आई थी. जिसके बाद 2012 में तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने रामनगर का दौरा किया था.

10 सालों से अधर में लटका पुनरुद्धार.

उस वक्त मंदिर समिति के लोगों ने मंदिर के टीले में आई दरार की बात उनके सामने रखी थी. जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने मंदिर की सुरक्षा की घोषणा की थी. जिसके बाद तुरंत ही यहां पर रुड़की से पहुंची टीम ने मंदिर के टीले की जांच की. जिसमें टीम ने मंदिर के टीले को आने वाले समय मे बाढ़ से खतरा बताया. मामले में सिंचाई विभाग द्वारा भी कई बार मंदिर के टीले की सुरक्षा को लेकर कई बार प्रस्ताव शासन को भेजा है, लेकिन अभी तक ना ही राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक इसे लेकर हुई और ना ही इसके लिए बजट आवंटित हुआ है. जिसके कारण ये मामला अधर में लटका हुआ है.

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बता दें बारिश में हुए नुकसान को लेकर राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की पहली बैठक होती है. उसके बाद ही सब लोगों की राय लेकर अनुमोदन प्रस्तावित होता है. जिसके अनुमोदित होने के बाद बजट के लिए शासन को भेजा जाता है. अभी तक न ही गर्जिया मंदिर के टीले को लेकर राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक हुई है और ना ही बजट के लिए शासन को भेजा गया है. मंदिर के टीले की सुरक्षा का कार्य ना होने पर मंदिर के मुख्य पुजारी मनोज पांडे ने कहा कई नेताओं ने इसकी घोषणाएं की, मगर अभी तक धरातल पर कोई कार्य नहीं हुआ.

सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता राजीव खनौलिया ने बताया गर्जिया मंदिर का टीला एक नाजुक प्वाइंट पर पहुंच चुका है. उन्होंने बताया 2021 अक्टूबर माह में आई बाढ़ की वजह से टीले में काफी दरार आई है. 2021 अक्टूबर में आई बाढ़ की वजह से जो ब्लॉक हमारे द्वारा पूर्व में बनाए गए थे, वह भी पूरी तरह डैमेज हो गए हैं. वर्तमान में इसके लिए एक योजना बनाई गई है. जिसमें वर्तमान दर के हिसाब से 554.86 लाख की लागत आएगी.

टीले के चारों तरफ आरसीसी वॉल का प्रावधान रखा गया है. उसके साथ ही सीसी ब्लॉक और वायरक्रेट का कार्य होगा. जिसमें आरसीसी रिटेनिंग वॉल का कार्य भी होगा. सहायक अभियंता ने बताया आगामी 13 जुलाई को इसको लेकर राज्य तकनीकी सलाहकार समिति की बैठक देहरादून में होनी है. बैठक में प्रस्ताव अनुमोदित होने के बाद ही गर्जिया मंदिर के टीले के बजट को लेकर शासन को भेजा जाएगा.

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