हल्द्वानी: विभागीय मंत्री को अपने ही विभाग में एक करोड़ 9 लाख के राशन घोटाले का पता नहीं है. हल्द्वानी पहुंची महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य से जब विभाग में हुए इस घोटाले के बाद में पूछा गया तो उन्होंने पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई, फिर जांच कर मामले में कार्रवाई करने की बात कही. वहीं इतना बड़ा मामला विभागीय मंत्री के संज्ञान में नहीं होना कई सवाल खड़े कर रहा है.
विभागीय मंत्री को ही नहीं अपने विभाग में करोड़ों के घोटाले की जानकारी, पढ़ें पूरी खबर - Cabinet Minister Rekha Arya
Cabinet Minister Rekha Arya जहां एक ओर प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस की बात करती है, वहीं विभागीय मंत्री को ही अपने विभाग में करोड़ों रुपए के घपले का पता तक नहीं है. मीडिया ने जब उनसे इस बारे में पूछा तो वो सकपका गई और मामले की जांच कर कार्रवाई की बात करने लगी.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Oct 12, 2023, 10:41 AM IST
वहीं कोरोनाकाल के दौरान हुए उधम सिंह नगर के किच्छा में राशन दुकानदारों द्वारा राशन घोटाले के मामले में कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जब से उन्होंने विभाग संभाला है, तब से उनके पास इस प्रकार के घोटाले की कोई जानकारी नहीं आई है. यदि कोई मामला मेरे संज्ञान में आएगा या मीडिया द्वारा मुझे बताया गया है तो मैं इसकी पूरी जानकारी लूंगी और कोई भी अनियमितता मिलती है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी.
पढ़ें-कोरोना काल में गरीबों का एक करोड़ से ज्यादा का राशन डकारने वाले गल्ला विक्रेताओं से नहीं हुई वसूली, दुकानें बहाल करने की तैयारी!
गौर हो कि कोरोनाकाल के दौरान उधम सिंह नगर में गरीबों को दिए जाने वाले राशन का घोटाला सामने आया था. जहां पूरे मामले की जांच तत्कालीन उपायुक्त द्वारा की गई थी. 12 सस्ता गल्ला विक्रेता के साथ जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी और क्षेत्रीय खाद्य पूर्ति अधिकारी द्वारा मिलीभगत कर एक करोड़ 9 लाख रुपए का राशन घोटाला किया गया. मामला हाईकोर्ट में जाने की पर कोर्ट ने भी इन दुकानदारों और घोटाले में संलिप्त अधिकारियों से घोटाले की रकम वसूली के निर्देश दिए गए थे. लेकिन 2 साल बाद भी घोटाले की रकम की वसूली नहीं हो पाई है. लेकिन पुरानी जांच को दरकिनार करते हुए कुछ अधिकारी मिलीभगत कर इन दुकानों को बहाल करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. लेकिन इतना बड़ा मामला विभागीय मंत्री के संज्ञान में नहीं है जो कहीं ना कहीं सिस्टम पर सवाल खड़े कर रहे हैं.