नैनीताल:देश विदेश में उत्तराखंड की पहचान बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में होती है, लेकिन कोरोना महामारी ने देवभूमि के पर्यटन कारोबार को चौपट कर दिया है. बात अगर सरोवरी नगरी नैनीताल की करें तो यहां सन्नाटा पसरा हुआ है. देश प्रदेश में बढ़ते कोरोना महामारी के बीच सरोवर नगरी में पर्यटन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. कभी पर्यटकों से गुलजार रहने वाले नैनी झील में भी नौकायान बंद है. जिससे नौकायान से जुड़े कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
कोरोनाकाल में सुनसान हुई सरोवर नगरी सरोवर नगरी नैनीताल पर्यटन के लिए देश-विदेश में प्रसिद्ध है. हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक नैनीताल का रुख करते हैं और नैनीताल आकर नैनी झील में नौकायन करना नहीं भूलते, लेकिन इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते पर्यटक नैनीताल समेत आसपास के क्षेत्रों का रुख नहीं कर रहे हैं. जिस वजह से नैनीताल के पर्यटन स्थल वीरान पड़े हैं. नैनीताल की शान कहे जाने वाली नैनी झील में नौकायन पूरी तरह से बंद है. जिससे नौकायान से जुड़े कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
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पर्यटकों का नैनी झील में नौकायान कराने वाले कारोबारी इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोरोना महामारी ने हालात बदल दिए हैं. एक समय था जब पर्यटक नाव में बैठने के लिए अपनी बारी का इंतजार करते और लंबी लाइनों में लगते थे. पर्यटकों की आमद से बोट स्टैंड भरा रहता था, लेकिन आज कोरोना संक्रमण के चलते नाव स्टैंड पूरी तरह से खाली हो चुका है. जिसके कारण नाव कारोबारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. नाव कारोबारियों का कहना है कि यही हालात रहे तो हमें मजबूरन अपने गांव जाने को मजबूर होना पड़ेगा.
नाव कारोबारियों का कहना है बीते साल हुए लॉकडाउन के दौरान भी नाव कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया था. सभी पर्यटन व्यवसायियों को इस बार कारोबार अच्छा होने की उम्मीद थी, लेकिन जैसे ही पर्यटन सीजन शुरू हुआ, वैसे ही कोरोना की मार पर्यटन कारोबार पर फिर से पड़ गई. जिससे पूरा कारोबार चौपट हो गया है. लिहाजा सरकार को पर्यटन कारोबारियों की तरफ ध्यान देना चाहिए. ताकि नाव चालक अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें.