महाराष्ट्र की तर्ज पर काम करेगी उत्तराखंड पुलिस. हल्द्वानी:कुमाऊं आईजी नीलेश आनंद भरणे ने कुमाऊं मंडल के 6 जिलों के 73 थानों के 607 बीट सिपाहियों को मजबूत करते हुए अब बीट के पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर पर 5 साल की रोक लगा दी है. साथ ही सभी बीट पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया है कि अपने-अपने बीट क्षेत्र अंतर्गत सभी मकानों और प्रतिष्ठानों के बाहर बीट पुलिस का नंबर चस्पा करें, जिससे कि कानून व्यवस्था तथा आपराधिक गतिविधि पर निगरानी रखने जैसे सख्त कदम उठाए जाएं.
कुमाऊं आईजी नीलेश आनंद भरणे का कहना है कि सालों बाद दोबारा से बीट पुलिसिंग को एक्टिव किया जा रहा है, जिससे कि घर-घर तक पुलिस की पहुंच बने और अपराध पर लगाम लग सके. आईजी ने सभी बीट कर्मचारियों को अपनी बीट पर पैम्फलेट बनाकर हर घर पर लगाने के निर्देश दिए हैं, जिसमें कि बीट अधिकारी का नाम और मोबाइल नंबर अंकित होगा. ऐसा होने से किसी भी छोटी से छोटी समस्या के लिए पुलिस की मदद ली जा सकेगी. साथ ही क्षेत्र में हो रहे गलत कामों पर भी नियंत्रण होगा.
आईजी ने बताया कि कुमाऊं मंडल के 6 जिलों के 73 थानों में कुल 607 बीट हैं, जिनमें बीट अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं. सभी बीट अधिकारियों की हर महीने समीक्षा होगी और समीक्षा के आधार पर ही उनका प्रमोशन किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी बीट पुलिस को 5 साल के लिए नियुक्त किया गया है. उन पुलिसकर्मी का 5 साल तक किसी अन्य थाना चौकी में ट्रांसफर नहीं होगा. साथ ही बीट पुलिसकर्मियों की निगरानी के लिए अलग से टीम तैनात रहेंगी, जो बीट पुलिसकर्मियों के कामों की निगरानी भी करेगी.
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उन्होंने कहा कि सभी बीट पुलिसकर्मियों को पुलिस विभाग द्वारा सिम उपलब्ध करा गया है, जो अपने सिम और मोबाइल में अपने अपने बीट की सभी गतिविधियों को मोबाइल डाटा में फीड करेंगे. इसकी रिपोर्ट व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से आईजी कैंप कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे. उन्होंने कहा कि पुलिस का यह पहला अभिनव प्रयोग है. इस तरह का अभिनव प्रयोग महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों में पुलिस करती है. लेकिन कुमाऊं मंडल में पुलिस पहली बार ऐसा करने जा रही है, जिससे कि अपराधों पर लगाम लगाई जा सके.