नैनीताल: उत्तराखंड हाइकोर्ट ने हल्द्वानी के दमुआढुंगा में निर्माणाधीन पिछौड़ा डेपलपर के कंस्ट्रक्शन पर रोक जारी रखी है. साथ में कोर्ट ने दोनों पक्षों से अपना-अपना लिखित पक्ष तीन दिन के भीतर कोर्ट में पेश करने को कहा है. आज मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने निर्णय सुरक्षित रख लिया है.
आज विपक्ष के द्वारा शपथ पत्र पेश कर कहा गया कि उन्होंने सात मंजिल तक निर्माण कार्य कर लिया है. रोक के आदेश को हटाया जाए. इनका इस पर कोई अधिकार नहीं है. इस मामले में याचिकाकर्ता के साथ पहले समझौता हो चुका है. निर्माण के लिए बैंक से 15 करोड़ व अन्य अनापत्ति प्रमाण पत्र विभागों से लिये हैं.
पढ़ें-भाजपा के खिलाफ हरीश रावत ने खोला मोर्चा, शुरू किये कई अभियान
मामले की सुनवाई वरिष्ठ न्यायमूर्ति संजय कुमार मिश्रा की एकलपीठ में हुई. मामले के अनुसार दमुआढुंगा हल्द्वानी निवासी मेजर निधि सिंह ने याचिका दायर कर कहा है कि उनके पिता कर्नल हुकम सिंह ने दमुआढुंगा हल्द्वानी में जमीन खरीदी थी. 2014 तक यह क्षेत्र ग्रामीण में था. 2014 के बाद यह नगर निगम हल्द्वानी में शामिल हो गया. 2017 में उनके पिता की मृत्यु हो गयी. उनके पिता की तीन संतानें मेजर निधि सिंह, कर्नल अनिमेष सिंह व प्रीति सिंह हैं.
पिता की मृत्यु के बाद निधि सिंह ने म्यूटेशन हेतु तहसील में प्रार्थना पत्र दिया. जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. उनके भाई अनिमेष सिंह ने झूठे अनापत्ति प्रमाण पत्र बनाकर यह सम्पत्ति अपने नाम करा ली. इस सम्बंध में निधि सिंह ने वाद सिविल जज सीनियर डिवीजन हल्द्वानी में दायर किया. सिविल जज सीनियर डिवीजन ने अपने आदेश में कहा कि अनिमेष सिंह ने सभी जगह से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिए हैं, इसलिए वे इस भूमि पर कंस्ट्रक्शन कर सकते हैं. यह भूमि उनकी ही है.
पढ़ें-लक्सर में क्रिकेटर मोहम्मद शमी ने बच्चों के साथ बिताया समय, क्रिकेट के दिए टिप्स
सिविल जज के आदेश को निधि सिंह ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी. उन्होंने अपनी याचिका में कहा इस भूमि से कई पेड़ काटे गए हैं. अनिमेष सिंह ने यह भूमि अपनी पत्नी को गिफ्ट भी कर दी है. जिसपर वह पिछौड़ा डेवलपर के नाम से दो सौ फ्लैट्स बना रहे हैं. जिसका निर्माण कार्य पूरा होने को है.