हल्द्वानी:तराई केंद्रीय वन प्रभाग के लालकुआं रुद्रपुर रेल मार्ग पर ट्रेन की टक्कर से घायल हाथी के बच्चे की उपचार के दौरान मौत हो गई है. वनाधिकारियों की मौजूदगी में मृत हाथी के बच्चे का पोस्टमार्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है. रविवार को टांडा जंगल में ट्रेन की चपेट में आने 2 वर्षीय हाथी का बच्चा घायल हुआ था. बच्चा आखिरकार मौत से जंग हार गया है. वन विभाग ने मौके पर ही उसके शव को दफना दिया है.
ट्रेन की टक्कर से घायल हाथी के बच्चे ने तोड़ा दम, रेलवे के खिलाफ मुकदमा दर्ज
लालकुआं रुद्रपुर रेलवे ट्रैक पर ट्रेन की चपेट में आने से घायल हुए हाथी के बच्चे की मौत हो गई है. रविवार 18 दिसंबर को टांडा के जंगल में दो साल का हाथी का बच्चा ट्रेन की चपेट में आ गया था. शुरुआत में हाथी के इस घायल बच्चे को उपचार नहीं मिल पाया था क्योंकि उसके पास हाथियों का झुंड मौजूद था. बाद में किसी तरह वन विभाग की टीम हाथी का इलाज शुरू करने में सफल हुई थी. लेकिन छह दिन तक मौत से संघर्ष करने के बाद हाथी के बच्चे ने दम तोड़ दिया. वन विभाग इस मामले में रेलवे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा चुका है.
वाइल्डलाइफ चिकित्सक डॉ आयुष उनियाल, डॉ हिमांशु पांगती और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ प्रशांत वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की टीम ने जख्मी हाथी के बच्चे का उपचार शुरू किया. हाथी के बच्चे के पिछले हिस्से में गंभीर चोट लगने के कारण वह उठ नहीं पा रहा था. वाइल्डलाइफ चिकित्सक डॉ आयुष उनियाल, डॉ हिमांशु पांगती और वाइल्ड लाइफ विशेषज्ञ प्रशांत वर्मा के नेतृत्व में चिकित्सा कर्मियों की टीम ने हाथी के बच्चे के शव का पोस्टमार्टम किया.
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चिकित्सकों द्वारा लगातार उसको बचाने के हरसंभव प्रयास किया गए. लेकिन छह दिन के संघर्ष के बाद आखिर उसने दम तोड़ दिया. वन विभाग द्वारा शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उसका अंतिम संस्कार किया गया. जिसके बाद तराई केंद्रीय वन प्रभाग के डीएफओ वैभव कुमार की मौजूदगी में हाथी के बच्चे के शव को मौके पर ही दफना दिया. इस मामले में वन विभाग ने पहले दिन ही रेल विभाग के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था. अब रेल विभाग के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की जाएगी.